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Lucknow University: जल पक्षियों की गणना कर रहा एलयू, सात जिलों में हो रही गिनती
Lucknow University: इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्डलाइफ साइंसेज की समन्वयक प्रो. अमिता कनौजिया के अनुसार एशियाई जल पक्षियों की गिनती आठ दिनों तक की जाएगी।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय अब एशियाई जल पक्षियों की गणना कर रहा है। विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्डलाइफ साइंसेज ने इस आभियान की शुरुआत कर दी है। वाइल्डलाइफ साइंसेज की ओर से एशियाई जल पक्षियों की गणना 14 से 21 जनवरी तक की जाएगी। इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्डलाइफ साइंसेज की समन्वयक प्रो. अमिता कनौजिया ने इस गणना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस अभियान से यह पता चल सकेगा कि एशियाई जल पक्षियों की संख्या बढ़ी है या पहले से घट गयी है।
सात जिलों में गई हैं टीमें
इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्डलाइफ साइंसेज की समन्वयक प्रो. अमिता कनौजिया की तरफ से इस गणना के लिए सभी को उनकी जिम्मेदारी बता दी गयी है। साथ ही उन्होंने बताया कि एशियाई जल पक्षियों की गिनती करने के लिए सात टीमों का गठन किया गया था। ये सभी टीमें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर एशियाई जल पक्षियों की संख्या का पता लगा रहे हैं। गठित की गयी टीमें लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, इटावा, कन्नौज, गोंडा और संतकबीरनगर जैसे जिलों में चिन्हित किए गए स्थानों पर जाकर जल पक्षियों की गणना कर रहे हैं।
आठ दिनों तक होगी गिनती
लखनऊ विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्डलाइफ साइंसेज की समन्वयक प्रो. अमिता कनौजिया के अनुसार एशियाई जल पक्षियों की गिनती आठ दिनों तक की जाएगी। इन आठ दिनों में चुने गए स्थानों पर गिनती कर पता लगाया जाएगा कि एशियाई जल पक्षियों की कुल संख्या कितनी है। पक्षियों की गिनती 14 जनवरी से ही शुरु कर दी गयी है। यह अभियान 21 जनवरी तक चिन्हित स्थनों पर चलता रहेगा।
असल संख्या का पता चलेगा
समन्वयक प्रो. अमित कनौजिया के मुताबिक इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्डलाइफ साइंसेज के इस अभियान से एशियाई जल पक्षियों की असल संख्या का पता लगाया जा सकेगा। इससे यह भी पता चल सकेगा कि एशियाई जल पक्षियों की संख्या बढ़ी है या पहले से घट गयी है।