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Lucknow News: मंडी परिषद के संयुक्त निदेशक का कारनामा: एक ही ठेकेदार को दो-दो बार किया भुगतान

Lucknow News: एफआईआर के आदेश, फर्जी भुगतान प्रकरण के आरोपी पूर्व लेखाधिकारी ने मुख्य सचिव, मंडी निदेशक को पत्र लिखकर खोली पोल

Newstrack          -         Network
Published on: 24 March 2025 9:05 PM IST
Lucknow News
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Lucknow News (Image From Social Media)

Lucknow News: राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संयुक्त निदेशक (निर्माण)महेंद्र कुमार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला पूर्व में लेखाधिकारी रहे मैकू लाल के पत्र का है, जिसमें उन्होंने महेंद्र कुमार के कारनामों को उजागर किया है। मुख्य सचिव और मंडी निदेशक को संबोधित पत्र में उन्होंने खुलासा किया है कि प्रयागराज में उपनिदेशक रहते महेंद्र कुमार ने एक ही अनुबंध पर एक ही ठेकेदार को दो-दो बार भुगतान कर दिया था। यही नहीं एक ठेकेदार को 63 लाख रुपए का भुगतान सीधे आरटीजीएस के माध्यम से कर दिया, जबकि नियमत: चेक से भुगतान किया जाता है। उधर, जांच के बाद मंडी निदेशक महेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। बता दें कि फर्जी भुगतान मामले में संलिप्तता पाए जाने पर निदेशक ने महेंद्र कुमार को मुख्य अभियंता कार्यालय से अटैच कर दिया है।

एक ही राशि का दो-दो बार भुगतान

पूर्व लेखाधिकारी मैकूलाल ने आरोप लगाया कि 20.04.2020 को उपनिदेशक रहते हुए महेंद्र कुमार ने जय प्रकाश यादव के पक्ष में एक ठेके पर 8,70936 रु. भुगतान किया था। इसी अनुबंध पत्र पर इतनी ही धनराशि महेंद्र कुमार ने पुन: जय प्रकाश यादव के पक्ष में 11.05.2020 को कर दी। उन्होंने लिखा कि एक ठेकेदार को 05.04.2021 को महेंद्र कुमार ने 63 लाख रुपए का भुगतान बिना चेक काटे सीधे आरटीजीएस से कर दिया था। जो कि नियमों में नहीं है। उन्होंने मांग की कि प्रयागराज प्रकरण की जांच में इन तथ्यों को भी समाहित किया जाए।

प्रयागराज में कराया काम, झांसी से भुगतान

उन्होंने कहा कि 2.44 करोड़ रु. फर्जी फर्मों को भुगतान करने के आरोपी क्लर्क मंजीत सिंह संयुक्त निदेशक महेंद्र कुमार का ही आदमी था। जब महेंद्र कुमार का झांसी में तबादला हो गया तो वह क्लर्क मंजीत सिंह को भी अपने साथ झांसी स्थानांतरण कराकर लेकर चले गया। क्लर्क का वेतन भुगतान झांसी कार्यालय से किया जा रहा था। लेकिन असल में वह प्रयागराज में ही कार्यरत था। यहीं पर उसने घोटाले को अंजाम दिया। पूर्व निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने द्वारा गठित जांच कमेटी को जब इन तथ्यों की जानकारी मिली तो महेंद्र कुमार को बचाने के लिए कमेटी ने इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया।

कौन हैं मैकूलाल

पत्र लिखने वाला शख्स प्रयागराज निर्माण खंड में लेखाधिकारी रहा है। फर्जी फर्मों को करोड़ों रुपए का भुगतान में लेखाधिकारी मैकूलाल पर भी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज है। क्लर्क मंजीत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि मैकूलाल अभी पुलिस की पहुंच से दूर हैं। फर्जी भुगतान प्रकरण में जांच कमेटी को मैकूलाल के हस्ताक्षर मिले थे।

Ramkrishna Vajpei

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