Ayodhya Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा पूजन में नहीं होगा माचिस का इस्तेमाल, ऐसे होगी अग्नि स्थापना

Ayodhya Ram Mandir: यज्ञ से ऋग्वैदिक काल में ऋषि-मुनि आसुरी शक्तियों का विनाश करते थे। पंडित रवि प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि अरणी मंथन में लकड़ी के टुकड़े को उत्तरा और तख्ते को अधरा कहते हैं।

Abhishek Mishra
Published on: 16 Jan 2024 10:14 AM GMT (Updated on: 16 Jan 2024 10:33 AM GMT)
Ayodhya Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा पूजन में नहीं होगा माचिस का इस्तेमाल, ऐसे होगी अग्नि स्थापना
X

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में लगभग पांच सौ वर्षो के बाद 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होगा। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पूजन में अग्नि स्थापना के लिए माचिस का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राच्य संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ. श्यामलेश तिवारी को राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के लिए चुने गए ग्यारह शीर्ष आचार्यों में शामिल किया गया है। सभी आचार्य 16 से 23 जनवरी तक होने वाले पूजन कार्यों को कराएंगे। इनके अनुसार प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत 19 जनवरी को अग्नि स्थापना होगी। डॉ. तिवारी ने बताया की वेदियों में अग्नि स्थापित करने के लिए माचिस का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। अरणी और मंथा नामक लकड़ियों से वेदियों में अग्नि स्थापना की जाएगी।

आसुरी शक्तियों के नाश में होता था इस्तेमाल

एलयू से आचार्य की डिग्री प्राप्त कर ज्योतिषाचार्य के रूप में सफल कार्य कर रहे पंडित रवि प्रकाश मिश्रा ने बताया कि यज्ञ के लिए अरणी और मंथा लकड़ियां श्रेष्ठ मानी जाती है। यज्ञ में आहुति के लिए अग्नि की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि इन लकड़ियों का इस्तेमाल ऋग्वैदिक काल में भी होता था। यज्ञ से ऋग्वैदिक काल में ऋषि-मुनि आसुरी शक्तियों का विनाश करते थे। पंडित रवि प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि अरणी मंथन में लकड़ी के टुकड़े को उत्तरा और तख्ते को अधरा कहते हैं।

मंत्रों के माध्यम से होती थी अग्नि स्थापना

माना जाता है की ऋग्वैदिक काल में ऋषि-मुनि श्रुति परंपरा से वैदिक मंत्रों के माध्यम से अग्निसूक्त का पाठ करते थे, जिससे अग्नि प्रज्ज्वलित होती थी। इसके बाद अग्नि देव प्रसन्न होकर यज्ञशाला में आवाहित होते थे। ऋग्वैदिक काल की तरह ही लंबे अंतराल के बाद अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में होने वाली पूजा अर्चना के लिए चुने हुए शीर्ष 11 आचार्य वेद मेंत्रों से अरणी और मंथा की लकड़ी से घर्षण कर अग्नि स्थापना करेंगे।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh from Kanpur. I Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During my career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

Next Story