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मायावती का बड़ा ऐलान! न NDA का साथ और न INDIA को सहयोग, लोकसभा के अखाड़े में अकेले लड़ेगा 'हाथी'
Mayawati: मायावती ने कहा कि गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से बसपा को नुकसान पहुंचता है, इसलिए उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन में नहीं शामिल होगी।
Mayawati: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अगले लोकसभा चुनाव को लेकर अपने पत्ते खोल दिए हैं। बसपा मुखिया ने एनडीए और विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया दोनों अलायंस में जाने से इनकार करते हुए अपने दम पर चुनाव लड़ने का बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में बसपा अपने दम पर सियासी अखाड़े में उतरेगी।अपने जन्मदिन के मौके पर आज मायावती ने साफ तौर पर कहा कि अलायंस में वोट ट्रांसफर नहीं होता। इस कारण किसी गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है।
विपक्षी दलों और विशेष रूप से कांग्रेस की ओर से बसपा को इंडिया गठबंधन में शामिल करने की कोशिश की जा रही थी मगर मायावती ने इंडिया अलायंस में शामिल होने पर इनकार कर दिया है। जन्मदिन के मौके पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बसपा मुखिया ने मुफ्त राशन स्कीम को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि मुफ्त अनाज देकर दोनों सरकारों की ओर से लोगों को गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है।
गठबंधन से होता है बसपा को नुकसान
बसपा मुखिया ने कहा कि किसी भी गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ने से बसपा का नुकसान होता है। गठबंधन करने पर हमारा वोट तो उन्हें ट्रांसफर हो जाता है मगर उनका वोट खास कर सवर्ण वोट बसपा के खाते में नहीं आता। इस कारण हम आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे। देश की अधिकांश पार्टियां बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती हैं मगर हम किसी भी दल के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी लोकसभा का आम चुनाव इसलिए अकेले लड़ती है क्योंकि इसकी कमान एक दलित के हाथों में है। मायावती ने कहा कि 2007 के लोकसभा चुनाव की तरह हमारी पार्टी 2024 में भी बेहतर नतीजे हासिल करने में कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि अगर मेरी पार्टी के कार्यकर्ता बेहतर नतीजे लाते हैं तो मेरे लिए यही सबसे बड़ा गिफ्ट होगा।
मुफ्त राशन स्कीम पर साधा निशाना
जन्मदिन के मौके पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लोगों को मुफ्त अनाज देकर उन्हें गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। हमने अपनी सरकार के समय लोगों को सम्मान और स्वाभिमान ऊंचा करने का मौका दिया, लेकिन मौजूदा समय में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से धर्म और संस्कृति की आग लगाने वाली राजनीति की जा रही है जिससे लोकतंत्र की बुनियाद कमजोर हो रही है।
उन्होंने कहा कि हमने यूपी में चार बार सत्ता संभाली और इस दौरान समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया। बसपा राज के दौरान अल्पसंख्यक, गरीब, किसान और अन्य मेहनतकश लोगों के लिए अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गई। अब सरकारों की ओर से उन योजनाओं का नाम बदलकर उन्हें अपना बताने की कोशिश की जा रही है। सरकारों के जातिवादी होने के कारण यह काम पूरा होता नहीं दिख रहा है।
एससी,एसटी और ओबीसी की स्थिति दयनीय
बसपा मुखिया ने कहा कि विभिन्न पार्टियों के कार्यक्रमों से साफ है कि उनकी नीतियों से प्रदेश और देश का कोई विकास नहीं हो सकता। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से जुड़े हुए लोगों को सरकारी नौकरी और अन्य क्षेत्रों में नौकरियों के प्रावधान का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन सभी वर्गों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। इसलिए सभी वर्गों के लोगों को बीएसपी से जुड़ना चाहिए और उसे सत्ता हासिल करने में मदद करनी चाहिए।
राजनीति से संन्यास लेने का इरादा नहीं
उन्होंने कहा कि मेरे राजनीति से संन्यास लेने के संबंध में लगातार अफवाह फैलाई जा रही है जबकि मेरा राजनीति से अभी संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी जरूर बनाया है मगर अभी मैं राजनीति में सक्रिय बनी रहूंगी मुझे पार्टी को मजबूत बनाने के लिए अभी काफी काम करना है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने गिरगिट की तरह अपने बयान बदले हैं।
अयोध्या के कार्यक्रम का किया स्वागत
मायावती ने कहा कि मुझे अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला है, लेकिन किसी अन्य काम में व्यस्त होने के कारण मैंने इस समारोह को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। मायावती ने कहा कि हम 22 जनवरी को अयोध्या में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का स्वागत करते हैं मगर इसके साथ ही बाबरी मस्जिद को लेकर भविष्य में होने वाले कार्यक्रम का भी स्वागत है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम सभी धर्मों की समानता के विचारधारा में विश्वास करते हैं।