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BSP News: मायावती ने संविधान लागू होने के दिवस पर जताई चिंता, बोलीं वंचित वर्ग को नहीं मिल रहा हक और न्याय

BSP News: मायावती ने कहा कि संविधान का मुख्य उद्देश्य देश के हर नागरिक को समान अवसर और सम्मान देना था, लेकिन आज भी वंचित वर्ग को उनका हक और न्याय नहीं मिल पा रहा है।

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Newstrack Network
Published on: 26 Jan 2025 5:29 PM IST
Mayawati News
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Mayawati News (Photo Social Media)

BSP News: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के लागू होने के अवसर पर देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि संविधान का मुख्य उद्देश्य देश के हर नागरिक को समान अवसर और सम्मान देना था, लेकिन आज भी वंचित वर्ग को उनका हक और न्याय नहीं मिल पा रहा है। मायावती ने गणतंत्र दिवस की सबी को शुभकामनाएं दीं।

मायावती ने साधा निशाना

बसपा सुप्रीमो मायावती कहा कि बाबा साहब डॉ अंबेडकर के संघर्षों और विचारों के कारण ही हमारा संविधान कल्याणकारी बन सका, लेकिन इसके बावजूद आजादी के इतने वर्षों बाद भी गरीब, पिछड़े और वंचित वर्ग के लोग न्याय और आरक्षण के अधिकारों से वंचित हैं। मायावती ने यह भी कहा कि आज बड़े उद्योगपतियों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन समाज के गरीब वर्ग को इसका सही लाभ नहीं मिल रहा है।

सरकारों की नीतियों पर उठाए सवाल

बीएसपी प्रमुख मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों पर सवाल उठाते हुए सरकारी रोजगार में कमी और निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण का हक प्रभावित हो रहा है। मायावती ने यह भी रेखांकित किया कि गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा की कमी के कारण बहुजन समाज के लोग परेशान हैं, और उनका जीवन कठिन हो रहा है। उन्होंने सरकार से अपील की कि संविधान के कल्याणकारी सिद्धांतों का पालन करते हुए गरीबों और बहुजनों के हक को सुनिश्चित किया जाए और उनके जीवन में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

नहीं मिल रहा बेरोजगार बहुजनों का हक

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश में देश तेज विकास दर से भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूती का सही लाभ करोड़ों गरीबों के जीवन में अपेक्षित सुधार वाले गेम चेंजर यानी अच्छे दिन लाने वाला होना चाहिए था। पर इसमें सरकारी भागीदारी कम व प्राइवेट सेक्टर की अधिक भागीदारी से इसका बहुअपेक्षित लाभ इसके सही हकदार गरीब व बेरोजगार बहुजन परिवारों को नहीं मिल पाना क्या यह उचित है।



Ramkrishna Vajpei

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