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Navratri 2024: घर-घर होगा मां भगवती का पूजन, इस मुहूर्त में कलश स्थापना रहेगा शुभ
Lucknow News: पंडित रवि प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि शारदीय नवरात्रि व्रत का आरम्भ पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्लपक्ष के एकम प्रतिपदा तिथि से आरम्भ होता है और पूरे नौ दिन तक देवी के अलग अलग रूप की पुजा तथा आराधना की जाती है।
Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि गुरुवार से शुरू हो रही है। इसके मद्देनजर घर घर में तैयारी शुरू हो गई है। कल नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना होगी। लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्कृत तथा प्राकृत संस्कृत विभाग शोध छात्र व ज्योतिषाचार्य पंडित रवि प्रकाश मिश्रा ने शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना करने का शुभ मुहूर्त बताया।
प्रतिपदा तिथि से शुरू होती शारदीय नवरात्रि
पंडित रवि प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि शारदीय नवरात्रि व्रत का आरम्भ पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्लपक्ष के एकम प्रतिपदा तिथि से आरम्भ होता है और पूरे नौ दिन तक देवी के अलग अलग रूप की पुजा तथा आराधना की जाती है। माता के भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार एकम प्रतिपदा से लेकर नवमी तक बड़े धूम धाम से माता का पूजन करते है। साथ ही कलश स्थापित करते है। नवरात्रि में अपने शक्ति के अनुसार माता का पूजन करें दुर्गा सप्तशी का पाठ करें। शारदीय नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना या किसी ब्राह्मण से पाठ को करवाना बहुत पुण्यकारी होता है।
नवरात्रि का आरंभ इस दिन से
पंडित रवि मिश्रा के अनुसार इस वर्ष नवरात्रि का आरंभ 03 अक्तूबर 2024 दिन गुरुवार को मनाया जायेगा। आपको बता देता हूं, इस वर्ष नवरात्रि में चतुर्थी तिथि का वृद्धि हुआ है और नवमी तिथि का क्षय हो गया है। इसलिए अष्टमी और नवमी तिथि एक दिन मनाया जायेगा।
पहला मुहूर्त सुबह 06:15 से 07:22 तक
पंडित रवि प्रकाश मिश्रा ने बताया कि शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 15 मिनट से सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक का रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से सुबह 12 बजकर 33 मिनट के बीच रहेगा।
दुर्गा पूजा में क्या है कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त
03 अक्तूबर 2024 दिन गुरूवार सुबह से लेकर 03:17 मिनट दोपहर तक कलश स्थापना किया जायेगा। प्रतिपदा तिथि का आरम्भ 02 अक्तूबर 2024 दिन बुधवार रात्रि 11:05 से प्रतिपदा तिथि का समाप्त 04 सितंबर 2024 रात्रि 01:01 मिनट तक हस्त नक्षत्र 03 अक्तूबर 2024 दोपहर 03 :17 मिनट तक रहेगा
दुर्गा पूजा में कैसे करें कलश स्थापना ?
पंडित रवि प्रकाश मिश्रा ने कहा कि व्रत करने वाले सुबह में नित्य क्रिया से निर्वित होकर साफ कपड़ा पहने.संभवतः नया वस्त्र लाल रंग का धारण करे.पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिडके गंगा जी का थोडा मिटटी लाए या साफ जगह से मिटटी को लेकर उसमे जौ या सप्तधान्य को मिलाए.मिटटी का कलश रखे उसपर स्वस्तिक बनाएं लाल कपड़ा से कलश को लपेट दे.उसमे आम का पत्ता सुपारी,फुल, पैसा डाले ,दूर्वा, अक्षत डाले ,उसके ऊपर नारियल में मौली लपेटकर कलश पर रखे. सामने छोटी चौकी रखे पर लाल कपड़ा का आसन बिछाए. माता का प्रतिमा या फोटो रखे.उनको फुल, फल, सिंदूर, चन्दन लगाए अगरबती दिखाए तथा भोग लगाये.फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ करे या दुर्गा चालीसा का पाठ करे.
दुर्गा पूजा में ये चीजें हैं वर्जित
पंडित रवि प्रकाश मिश्रा ने बताया कि अगर आप नवरात्रि में माता का पूजन कर रहे है अपने घर पर कलश स्थापना किए है इस अवधि में घर के अंदर मांस मछली मदिरा तथा तामसी वस्तु जैसे लहसुन, प्याज नही खाए, काला रंग का वस्त्र नही पहने. नवरात्रि में किसी के साथ लेन देन वर्जित रखे. दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले चमड़े की वस्तु जैसे बेल्ट, पर्स, चपल का प्रयोग नहीं करे।