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Mother's Day 2024: मां को आदर्श मानकर की तैयारी, देश की सबसे कठिन परीक्षा में लहराया परचम

Mother's Day 2024: इसी बात की बानगी हैं यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में शहर से चयनित सभी अभ्यर्थी। इन सभी चयनितों का मानना है कि उनकी इस सफलता में मां की अहम भूमिका रही है।

Abhishek Mishra
Published on: 12 May 2024 11:13 AM IST
Mothers Day 2024
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अपनी मां मीता साह के साथ अमितेज (Pic: Newstrack)

Mother's Day 2024: 'क़भी ख़ुद दुआ देती है क़भी मेरे सदके उतारती है, मेरे सारे ग़मों को पल भर में छू मंतर कर देती है, काला टीका लगाती है तो मुझ में जान आती है, मेरी मां रोज़ मेरी सलामती की अज़ां पढ़ती है...'

यह बातें हर बच्चे के दिमाग में उसकी मां के लिए प्यार और सम्मान बढ़ा देती है। जीवन में अच्छे संस्कार और संस्कृति अर्जित करने में हमारी मां का अहम योगदान होता है। मां ममता की मूरत हैं तो जिंदगी के हर कदम पर हौसला बढ़ाने वाली भी हैं। उनके संग होने से हर राह आसान होती है। हर मंजिल को पाया जा सकता है। मां को आदर्श मानकर उनके व्यक्तित्व को अपनाकर हम बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को आसानी से पार कर सकते हैं। इसी बात की बानगी हैं यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में शहर से चयनित सभी अभ्यर्थी। इन सभी चयनितों का मानना है कि उनकी इस सफलता में मां की अहम भूमिका रही है।

मेरे बर्थडे के दिन आया था रिजल्ट

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 212वीं और आईएफएस 2023 में 21वीं रैंक हासिल करने वाले अमितेज पांगती की मां मीता साह ने बताया कि जब अमितेज होने वाला था तभी से मैं रोजाना दुर्गा कवच का पाठ करती हूं। उसकी कितना हमेशा अपने साथ रखती हूं। अमितेज का कई बार सलेक्शन नहीं हुआ तो वह बहुत निराश था। पर इसे इत्तेफाक कहें या भगवान का आशीर्वाद कि जब 16 अप्रैल को रिजल्ट आया तो अमितेज उसमें सफल हुआ था। उस दिन दुर्गाष्टमी थी और मेरा जन्मदिन भी था। केकेसी की पूर्व प्राचार्या प्रो. मीता साह बताती हैं कि अमितेज ने पढ़ाई के साथ खेलने का समय तय कर रखा था। वह परीक्षा के एक दिन पहले भी खेलने भी जाता था।

घर में हमारी कमी महसूस नहीं होने देता था आदित्य

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 416 रैंक अर्जित करने वाले आदित्य हृदय उपाध्याय की मां प्रतिभा उपाध्याय ने बताया कि मैं एक गर्ल्स इंटर कॉलेज में शिक्षिका हूं। आदित्य के पिता हाई कोर्ट में वकील हैं। जिस कारण हम दोनों को घर लौटने में देरी हो जाती थी। घर पर आदित्य के बाबा भी रहते थे। तो जब आदित्य स्कूल से लौटता था तो अपने बाबा को खाना देता, उनसे बातें करता, उनकी हर जरूरतों को पूरा करने के साथ उनकी देखभाल भी करता था। बचपन में वह किताब पकड़कर ही सोता था। टीवी पर उसे रामायण, महाभारत और चाणक्य दिखाते थे। पंचतंत्र और चंपक जैसी किताबें देते थे। आदित्य हमेशा शांत और सरल स्वभाव का है।

अपनी मां प्रतिभा उपाध्याय के साथ आदित्य (Pic: Newstrack)





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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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