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Lucknow News: सांसद दिनेश शर्मा का बड़ा बयान, बद्री विशाल के जयकारे की संस्कृति के संरक्षण की जरूरत

Lucknow Dinesh Sharma Statement News: डा दिनेश शर्मा ने कहा कि पहाड की सांस्कृतिक विरासत पर चोट हो रही है। बाबा बद्रीविशाल के जयकारे की संस्कृति को संरक्षित करने पर चिन्तन करने का समय आ गया है।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 14 Jan 2025 11:31 PM IST
lucknow news (social media)
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Lucknow News: राज्यसभा सांसद व यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि पहाड की सांस्कृतिक विरासत पर चोट हो रही है। बाबा बद्रीविशाल के जयकारे की संस्कृति को संरक्षित करने पर चिन्तन करने का समय आ गया है। इस सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का कार्य केवल भाजपा की सरकार में ही हो सकता है। उनका कहना था कि भारत में हर धर्म का सम्मान है पर सनातन व परम्पराओं को बचाने के लिए काम करना होगा। भारत की सांस्कृतिक विरासत को सभी को मिलजुल कर बचाना होगा। आज पहाड से पलायन को रोकने की जरूरत है। इसके लिए पहाडी लोगों के लिए वहीं पर रोजगार की व्यवस्था करनी होगी। पहाड की डेमोग्राफी बदल रही है। वहां पर बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर रोक लगाने का समय आ गया है तभी डेमोग्राफी व सांस्कृतिक विरासत बच सकेगी। आज धार्मिक नगरी हरिद्वार पूरी तरह से बदल गया है। रास्ते में जगह-जगह मांस मछली शराब की दुकानों ने धार्मिक मान्यता पर आघात किया है।

पर्वतीय समाज का कौतिथ संक्रांति महोत्सव

डॉ दिनेश शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में पर्वतीय समाज द्वारा आयोजित का कौतिथ संक्रांति महोत्सव को संबोधित किया गत वर्षो की भांति बीरबल साहनी मार्ग, लखनऊ में डॉ दिनेश शर्मा के महापौर कार्यकाल में निर्मित पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड आदरणीय भगत सिंह कोशियारी की अध्यक्षता एवं महापौर सुषमा खर्कवाल जी के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित उत्तरायणी कौथिक 2025 में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ दिनेश शर्मा। डा. शर्मा ने कहा कि हनुमान जी स्वयं कहते हैं कि प्रशंसा अहंकार को जन्म देती है और यह संचित मूल्य को नष्ट कर देती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे भगत सिंह कोशियारी की अभी जब प्रशंसा हो रही थी तो वे असहज हो रहे थे क्योंकि उनका जैसा व्यक्ति इससे कोसों दूर है। उन्होंने इससे संबंधित प्रसंग का जिक्र करते हुए बताया कि जब श्रीराम बनवास से लौट आए और राजगद्दी पर बैठे ही थे कि उन्होंने हनुमान की प्रशंसा की और हनुमान जी से कहा कि यदि वे न होते तो सीता का पता कौन लगाता और सीता कैसे यहां आती। अहिरावण से भी बचाकर तुम्ही हमे लाए थे। लक्ष्मण ने कहा कि यदि वे न होते तो संजीवनी बूटी कौन लाता और उनके प्राण कैसे बचते। कुछ इसी प्रकार के विचार सीता जी ने भी व्यक्त किये।

इस पर हनुमान जी ’’बचाओं बचाओं’’ जोर से कहने लगे तो आसपास के लोगों ने कहा कि उनकी प्रशंसा स्वयं श्रीराम कर रहे हैं इसलिए वे ऐसा क्यों कह रहे हैं। इस पर हनुमान जी ने कहा कि वे यदि इसे स्वीकार करेंगे तो उनके अन्दर अहंकार आ जाएगा और उन्होंने प्रभु राम की जो सेवा की है उससे संचित पुण्य नष्ट हो जाएंगे। डा शर्मा ने कहा कि अपने जीवन में उन्होंने कोशियारी जी से बहुत कुछ उस समय सीखा है जब उन्होंने उनके साथ काम किया था। उन्होंने कहा कि कोशियारी जी ने लोगों के काम करके इतना पुण्य संचित किया है कि वह कभी नष्ट नही हो सकता। उन्होंने कोशियारी को पर्वत और मैदान दोनों का गौरव बताया तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी मैदान व पर्वत का गौरव बताते हुए कहा कि अन्तर यह है कि योगी जी एक संत हैं और संत का कोई एक निवास स्थान नही होता। कोई जात नहीं होती।

उत्तराखंड की रामलीला जीवंत

डा शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार दूध में जब तक चीनी नही मिलाई जाती तब तक उसकी मधुरता नही आती उसी प्रकार जब तक मैदानी क्षेत्र में पर्वतीय क्षेत्र के लोग नही होते तब तक संबंधों की मधुरता का आभास नही होता। उत्तराखण्ड की रामलीला को जीवंत बताते हुए कहा कि यह रामलीला कभी पहले लखनऊ में जब होती थी तो उसे देखने के लिए अपार जनसमूह जुडता था इसे पुन: शुरू करने की आवश्यकता है। राजधानी में पहाडी लोगों के लिए भवन निर्माण में अपनी सांसद निधि से 25 लाख के सहयोग की घोषणा करते हुए कहा कि कोई कमी रहने पर और भी मदद की जाएगी। पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी को भीष्म पितामह की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की राजनैतिक प्रतिभा को कोशियारी जी ने सबसे पहले पहचाना था और कहा हमसे कहा था कि इन्हें लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव लड़वा दे यह अवश्य अध्यक्ष पद जीत लेंगे साथ में यह भी कहा की धामी जीवन में बडा मुकाम हासिल करेंगे।

डॉ शर्मा ने कोशियारी जी को कहा कि वह पहाड़ की संस्कृति को बचाने के लिए व्यापक कार्यक्रम तय करें। समझ में अति विशिष्ट अतिथि लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल जी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पार्षद प्रमोद सिंह राजन, पूर्व पार्षद त्रिलोक सिंह अधिकारी, पार्षद शैलेंद्र वर्मा, मंडल अध्यक्ष नरेंद्र सिंह देवड़ी, कार्यक्रम संयोजक केएन चंदोला, अध्यक्ष गणेश जोशी, टीएस मनराल, महेंद्र सिंह रावत, मोहन सिंह बिष्ट आदि उपस्थित रहे।



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