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Lucknow News: लखनऊ के KGMU में अब बेड के लिए नहीं लगानी होगी 'सिफारिश', 500 बेड के नए ट्रामा सेंटर का होगा निर्माण
Lucknow News Today: आपको बताते चलें कि मौजूदा समय में KGMU के ट्रामा सेंटर में 110 वेंटिलेटर बेड को मिलाकर कुल 400 बेड उपलब्ध हैं। ऐसे में कई बार मरीजों की संख्या काफी अधिक होती है और बेड खाली नहीं होते, जिसके चलते मरीजों को स्ट्रेचर पर ही जान गवानी पड़ती है।
Lucknow New Trauma Center 500 Beds is Being Built in KGMU Hospital
Lucknow News in Hindi: लखनऊ के KGMU में आए दिन मरीज को बेड न मिलने की वजह से कई बार तीमारदारों और चिकित्सकों के बीच नोकझोंक की खबरें आती रहती हैं, ऐसे में तीमारदार किसी न किसी रसूख वाले से अस्पताल में बेड उपलब्ध कराने के लिए सिफारिशें करते नजर आते हैं। लेकिन इस सबके बीच अब तीमारदारों को अपने मरीज को भर्ती कराने के लिए लोगों से सिफारिशें नहीं लगवानी पड़ेगी। क्योंकि KGMU में जल्द ही 500 बेड के नए ट्रामा सेंटर का निर्माण होने जा रहा है।
वित्त व्यय समिति ने दी मंजूरी, 296 करोड़ रुपए का बजट हुआ स्वीकृत
बताया जाता है कि शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर वित्त व्यय समिति ने मंजूरी दे दी है। अब बस इतंजार है तो सिर्फ प्रस्ताव को लेकर अंतिम फैसले का, जिसके लिए इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जा सकता है। दरअसल, केजीएमयू प्रशासन की ओर से शासन को 304 करोड़ रुपये का प्लान भेजा था, जिसे शासन ने घटाकर 296 करोड़ रुपये कर दिया है। अब जल्द ही नए ट्रॉमा सेंटर का काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
नए ट्रामा सेंटर से बेड की संख्या होगी दोगुनी
आपको बताते चलें कि मौजूदा समय में KGMU के ट्रामा सेंटर में 110 वेंटिलेटर बेड को मिलाकर कुल 400 बेड उपलब्ध हैं। ऐसे में कई बार मरीजों की संख्या काफी अधिक होती है और बेड खाली नहीं होते, जिसके चलते मरीजों को स्ट्रेचर पर ही जान गवानी पड़ती है। मरीजों की इसी समस्या को दूर करने के लिए KGMU प्रशासन की ओर से दूसरे ट्रामा सेंटर का प्रस्ताव शासन के आगे रखा गया था। 500 बेड वाले इस ट्रामा सेंटर के निर्माण के बाद बेड़ों की संख्या सीधे दोगुनी हो जाएगी, ऐसे में मरीजों को होने वाली दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपको बताते चलें कि मेडिसिन, सर्जरी, वेंटिलेटर यूनिट समेत दूसरे विभागों की इमरजेंसी संचालित होगी। जर्जर हो चुके नर्सिंग व दूसरे भवनों को ध्वस्त कर ट्रॉमा-2 बनाया जाएगा। ऐसे में घायलों को एक ट्रॉमा सेंटर व इमरजेंसी मरीजों को दूसरे में भर्ती किया जा सकेगा।