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Lucknow Crime: मौसेरे भाइयों ने दोस्त के साथ मिलकर की फर्जी लूट, पुलिस ने किया खुलासा
Lucknow Crime: प्रेस वार्ता कर डीसीपी साउथ केशव कुमार ने सोमवार को पूरे मामले का खुलासा किया। उनके साथ एडीसीपी साउथ राजेश यादव, एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा और निगोहां SHO अनुज कुमार तिवारी भी मौजूद रहे।
Lucknow Crime: सोमवार को राजधानी की निगोहां पुलिस टीम ने फर्जी लूट के मामले में दो मौसेरे भाइयों समेत कुल 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तीनों ने मिलकर फर्जी लूट की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद खुद ही 112 पर फोन कर पुलिस को लूट की सूचना दी। मौके पर जब पुलिस पहुंची तो मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई। इसके बाद घटना का खुलासा हो गया। सोमवार को पुलिस ने आरोपी नीरज पुत्र किशनलाल, रवि पुत्र शंकरलाल, श्रवण कुमार पुत्र बालकराम को गिरफ्तार किया है। इसमें से नीरज और शंकरलाल दोनों मौसेरे भाई हैं। जबकि तीसरा आरोपी श्रवण कुमार रवि का बचपन का दोस्त है। अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता कर डीसीपी साउथ केशव कुमार ने सोमवार को पूरे मामले का खुलासा किया। उनके साथ एडीसीपी साउथ राजेश यादव, एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा और निगोहां SHO अनुज कुमार तिवारी भी मौजूद रहे। पुलिस को आरोपियों के पास से 70 हजार रुपये, 3 मोबाइल और एक मोटर साईकिल भी बरामद हुई है।
चालक को नहीं थी साजिश की जानकारी
डीसीपी साउथ केशव कुमार ने अपने कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को लखनऊ के चारबाग जेल रोड निवासी श्रवण कुमार नामक युवक ने 112 पर फोन कर लूट की सूचना दी थी। वह रूरल कर्मशियल प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में सेल्समैन का काम करता है। आरोपी ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि वह बीते शनिवार को नादरगंज से वैन में सामान भरकर डिलीवरी देने के लिये निकला था। शाम को वह डिलीवरी देने जा रहा था इसी बीच कुशमौरा जंगल तिराहे के मोड़ पर अचानक बाइक से आये दो नकाबपोश बदमाशों ने गाड़ी के आगे बाइक लगाई और उसे रोक लिया। जब वैन चालक चंद्रकुमार ने इसका विरोध जताया तो आरोपियों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। शिकायत के अनुसार आरोपी 72 हजार रुपयों से भरा बैग लेकर मौके से फरार हो गए। जाँच में सामने आया है कि चालक को इस पूरी साजिश की जानकारी नहीं थी।
निगोहां पुलिस और सर्विलांस ने दबोचा
शिकायत के आधार पर निगोहां पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जाँच पड़ताल शुरू की। इसके बाद जाँच के दौरान जब आरोपियों से पूछताछ शुरू हुई तो वह अपने ही जवाबों में फंसते चले गए। साथ ही निगोहां पुलिस ने करीब 50 सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले। इसमें भी घटना संदिग्ध प्रतीत हुई। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ शुरू की तो आरोपी अपने ही जाल में फंस गए। इसी के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिए। आरोपियों के पास से 70 हजार नकदी के साथ ही 3 मोबाइल और घटना में इस्तेमाल की गई बाइक भी बरामद हुई है।