UP Police: यूपी पुलिस के इतिहास में केवल दो महिला IPS अफसरों को ही मिला राष्ट्रपति का वीरता पदक

UP Police: करीब 75 वर्ष पुराने यूपी पुलिस के इतिहास में अब तक केवल दो महिला आईपीएस अफसरों को ही राष्ट्रपति का वीरता पदक मिला है।

Shishumanjali kharwar
Published on: 20 Aug 2024 6:18 AM GMT (Updated on: 20 Aug 2024 7:33 AM GMT)
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इन दो महिला आईपीएस अफसरों को ही मिला राष्ट्रपति का वीरता पदक (न्यूजट्रैक)

UP Police: यूपी पुलिस में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ान के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वर्तमान में यूपी पुलिस में महिलाओं की संख्या में इजाफा भी हुआ है। लेकिन इन सब के बावजूद भी देश का प्रतिनिष्ठित राष्ट्रपति का वीरता पदक (President's Gallantry Medal) महिला पुलिस कर्मियों के हिस्से में नहीं आ रहा है। करीब 75 वर्ष पुराने यूपी पुलिस के इतिहास में अब तक केवल दो महिला आईपीएस अफसरों (IPS Officers) को ही राष्ट्रपति का वीरता पदक मिला है।

इन आईपीएस अफसरों में तिलोत्तमा वर्मा (IPS Tilottama Verma) और मंजिल सैनी (IPS Manzil Saini) का नाम शामिल है। यूपी पुलिस की कई महिला पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति का पुलिस पदक तो मिल चुका है। लेकिन राष्ट्रपति के वीरता पदक के मानकों पर केवल दो महिला आईपीएस अफसर ही खरी उतरीं।

वहीं नोएडा की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह (IPS Laxmi Singh) और विजिलेंस में एएसपी इंदु सिद्धार्थ (IPS Indu Siddharth) को मुख्यमंत्री का उत्कृष्ट सेवा पदक (Chief Minister's Excellent Service Medal) मिल चुका है। यूपी पुलिस के इतिहास में केवल दो महिला आईपीएस अफसरों को ही राष्ट्रपति का वीरता पदक मिलने से एक तरफ जहां कई सवाल खड़े होते है। वहीं ये दोनों महिला आईपीएस अधिकारी अन्य महिला पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणा भी है।


कौन हैं आईपीएस तिलोत्तमा वर्मा

आईपीएस तिलोत्तमा वर्मा (IPS Tilottama Verma) को साल 2002 में हाथरस में बैंक लुटेरों के साथ साहसिक मुठभेड़ करने की चलते राष्ट्रपति का वीरता पदक दिया गया है। इस पद को पाने वाली आईपीएस तिलोत्तमा वर्मा उत्तर प्रदेश पुलिस की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं।

आईपीएस तिलोत्तमा वर्मा (IPS Tilottama Verma) मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के शिमला की रहने वाली हैं। तिलोत्तमा वर्मा यूपी कैडर के 1990 बैच की आईपीएस अफसर हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद प्रतीक्षारत चल रहीं आईपीएस तिलोत्तमा वर्मा को एडीजी प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी हैं।


कौन हैं आईपीएस मंजिल सैनी

26 जनवरी 2024 में आईपीएस मंजिल सैनी (IPS Manzil Saini) को राष्ट्रपति के वीरता पदक से सम्मानित किया गया। इन पद को हासिल करने वाली मंजिल सैनी यूपी की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस मंजिल सैनी को यह पदक मेरठ जनपद में एसएसपी रहने के दौरान दिल्ली से अपहृत चिकित्सक श्रीकांत को सकुशल बरामद करने के लिए दिया गया था।

इस मुठभेड़ के दौरान उनके साथ तत्कालीन एडीजी जोन मेरठ प्रशांत कुमार भी शामिल थे। आईपीएस प्रशांत कुमार को भी इस साहसिक कार्य के लिए राष्ट्रपति के वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। मंजिल सैनी यूपी कैडर के 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं। हाल ही आईपीएस मंजिल सैनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस यूपी लौट आयी हैं। वर्तमान में वह आईजी विजिलेंस की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

अहम पदों पर महिला अफसरों की तैनाती नहीं

महिला पुलिस अफसरों को किसी भी बड़े पर तैनाती न मिलना भी पदक से महरूम होने की एक वजह हो सकती है। साथ ही महिलाओं के संवेदनशील होने और किसी भी मुठभेड़ में उनके चोटिल होने की संभावना के चलते उन्हें किसी बड़े ऑपरेशन में भी शामिल नहीं किया जाता है। इन्हीं सब के चलते यूपी में कोई भी महिला अफसर अभी तक पुलिस महानिदेशक की कुर्सी तक नहीं पहुंच सकी है।

हालांकि बीते कुछ वर्षो में पुलिस महकमे में भी बदलाव देखने को मिले है। एक तरफ जहां आईपीएस लक्ष्मी सिंह (IPS Laxmi Singh) को नोएडा का पुलिस कमिश्नर बनाया गया। वहीं आईपीएस अनुपमा कुलक्षेष्ठ (IPS Anupama Kulaksheshtha) को आगरा जोन का एडीजी तैनात किया गया है। जिलों में भी महिला थानों के अलावा अन्य थाने में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है। अब महिला पुलिसकर्मियों को कार्यालय के साथ ही फील्ड के कार्य भी दिये जा रहे हैं।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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