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Lucknow : नहीं रहे पद्मश्री डॉ. नित्यानंद, रह चुके हैं भारतीय औषधि अनुसंधान के प्रमुख, सोमवार को होगा अंतिम संस्कार
Lucknow : हाल ही में, उन्होंने अपना 99वां जन्मदिन मनाया था। केवल सीडीआरआई वैज्ञानिकों बल्कि बल्कि देश और दुनिया भर के वैज्ञानिक संस्थानों के वैज्ञानिकों ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं थी।
Lucknow : भारतीय औषधि अनुसंधान के क्षेत्र के प्रमुख और देश के प्रमुख वैज्ञानिक में से एक, पद्मश्री डॉ. नित्यानंद, का शनिवार को सुबह हृदय गति रुकने में से निधन हो गया। इस दुखद समाचार ने देशवासियों को गहरे शोक में डाल दिया है और इसे वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक अपूर्णीय क्षति माना जा रहा है। वह 99 साल के थे। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।
कौन है पद्मश्री डॉ. नित्यानंद
1 जनवरी, 1925 को लायलपुर जो कि अब फैसलाबाद, पाकिस्तान में है वहां जन्मे थे, पद्मश्री डॉ. नित्यानंद। वह एक औषधीय रसायनज्ञ, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान सहायक तथा लखनऊ के निदेशक के रूप में कार्य चुके है। उनके पास 130 पेटेंट, 400 से अधिक प्रकाशित शोध पत्र और लगभग 100 पीएचडी छात्र हैं, जो दुनिया भर में वैज्ञानिक क्षेत्र में अच्छी स्थिति में हैं। उनकी शख्सियत का अनुमान सिर्फ इससे लगाया जा सकता है कि भारत में 'हम दो हमारे दो' की अवधारणा उन्हीं की देन है। उन्होंने स्त्रियों के लिए हानि रहित और सुलभ गैर-स्टेरायडल गर्भनिरोधक 'छाया' की अवधारणा को आगे बढ़ाया। जिसे पहले सहेली के नाम से भी जाना जाता था।
अद्वितीय योगदान के लिए मिला था पद्मश्री सम्मान
महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल में इस गर्भनिरोधक को एक महान योगदान माना जाता है, जो विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। भारत में उन्हें सस्ती और सुलभ दवाइयों और जेनेरिक फार्मा के प्रमुख प्रवक्ता के रूप में माना जाता रहा है। उनके औषधि अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में दिए असीमित योगदान के लिए भारत सरकार ने 2012 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। हाल ही में, उन्होंने अपना 99वां जन्मदिन मनाया था। केवल सीडीआरआई वैज्ञानिकों बल्कि बल्कि देश और दुनिया भर के वैज्ञानिक संस्थानों के वैज्ञानिकों ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं थी। उनके परिजनों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।