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Lucknow News: पुनर्वास विवि में शुरू होगा टूरिज्म में पीजी डिप्लोमा कोर्स, राधा कृष्णन शोध पीठ भी होगा स्थापित
Rehabilitation University: डॉ. पांचाली सिंह ने बताया कि एक वर्षीय कार्ययोजना में विभाग के शिक्षकों का परियोजनाओं के लिए आवेदन करना, शोध प्रकाशन बढ़ाना और आधुनिक तरीकों से पढ़ाना व कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में बदलने को शामिल किया गया है। साथ ही सेमिनार, वर्कशाप और फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम भी आयोजित किए जाएंगे।
Lucknow News: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा केंद्र की स्थापना की जाएगी। प्रबंध शास्त्र से जुड़े सर्टिफिकेट या डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। जोखिम प्रबंधन में सर्टिफिकेट कोर्स और पर्यटन में पीजी डिप्लोमा कोर्स भी आरंभ होगा। यह प्रस्ताव प्रबंध शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पांचाली सिंह ने आगामी तीन वर्ष की कार्ययोजना के प्रस्तुतीकरण में रखे। उन्होंने सोमवार को कुलपति प्रो. संजय सिंह के समक्ष एक, तीन और पांच वर्ष की कार्ययोजना का प्रजेंटेशन दिया।
स्मार्ट क्लास में बदली जाएंगी कक्षाएं
डॉ. पांचाली सिंह ने बताया कि एक वर्षीय कार्ययोजना में विभाग के शिक्षकों का परियोजनाओं के लिए आवेदन करना, शोध प्रकाशन बढ़ाना और आधुनिक तरीकों से पढ़ाना व कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में बदलने को शामिल किया गया है। साथ ही सेमिनार, वर्कशाप और फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम भी आयोजित किए जाएंगे। इसी तरह पांच वर्षीय कार्ययोजना में सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों के साथ एमओयू, अभिलेखों का डिजिटलीकरण और कार्यालय स्टाफ के प्रशिक्षण का प्रस्ताव रखा गया है। इसी तरह श्रवण बाधितार्थ विभाग का प्रस्तुतीकरण विभाग के सह आचार्य डॉ. मृत्युंजय मिश्रा ने दिया।
राधा कृष्ण शोध पीठ की स्थापना होगी
शिक्षा शास्त्र विभाग की ओर से विभागाध्यक्ष प्रो. वीरेंद्र सिंह यादव और रेनू ओझा ने प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने तीन वर्षीय योजना में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) कार्यक्रम को शुरू करने का प्रस्ताव रखा। इससे चार वर्षीय बीए बीएड, बीएससी बीएड, बीकाम बीएड पाठ्यक्रम आरंभ किया जा सकेगा। दिव्यांगजनों के रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। सर्वपल्ली राधा कृष्णन शोध पीठ को स्थापित किया जाएगा। अलग-अलग संस्थाओं के साथ एमओयू भी किए जाएंगे।
15 दिवसीय कार्यशाला का होगा आयोजन
भारतीय ज्ञान एवं परंपरा पर आधारित पाठ्यक्रमों चलाए जाएंगे। इसी तरह एक वर्षीय कार्ययोजना में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ, मार्गदर्शन व परामर्श प्रकोष्ठ, प्रश्न बैंकों का विकास, ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म, मॉक टेस्ट सीरीज, अतिथि व्याख्यान, वेबीनार, सहकर्मी समूह नेटवर्क को स्थापित करने का प्रस्ताव है। कई तरह के सेमिनार, वर्कशाप, सम्मेलन, साइन लैंग्वेज इंटरप्रिटेशन के लिए 15 दिवसीय कार्यशाला, पूर्व छात्र सम्मेलन, स्कूल अनुकूलन कार्यक्रम का संचालन होगा। इस दौरान डॉ. आशीष कुमार उपाध्याय, रेनू ओझा, नूतन पांडे, विवेक कुमार सिंह और साईंन लैंग्वेज इंटर प्रेटर रेशमा उपस्थित रही। कुलपति ने सभी प्रस्तावों को धरातल पर लागू करने के लिए अध्ययन मंडल से पारित करने के निर्देश दिए।