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Lucknow News: पीयूष सिंह चौहान ने IACC की चर्चा में शिक्षा क्षेत्र के सुधार की आवश्यकता पर दिया जोर: सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल को एक महत्वपूर्ण कदम

पीयूष सिंह चौहान ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए विभिन्न सुझाव दिए। उन्होंने सबसे पहले कौशल-आधारित और व्यावसायिक शिक्षा के लिए बजट समर्थन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Virat Sharma
Published on: 4 Feb 2025 8:36 PM IST
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Lucknow News: Photo-Social Media

Lucknow News: एसआर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के उपाध्यक्ष पीयूष सिंह चौहान ने हाल ही में इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण चर्चा में हिस्सा लिया। इस चर्चा का मुख्य विषय था शिक्षा क्षेत्र और उसके बजट आवंटन पर ध्यान केंद्रित करना। कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित नेताओं ने भाग लिया। जिनमें मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी और सीईओ, इन्वेस्ट यूपी अभिषेक प्रकाश, प्रमुख रूप से शामिल थे।

कौशल-आधारित शिक्षा और उद्योग-शिक्षा साझेदारी की जरूरत

इस अवसर पर पीयूष सिंह चौहान ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए विभिन्न सुझाव दिए। उन्होंने सबसे पहले कौशल-आधारित और व्यावसायिक शिक्षा के लिए बजट समर्थन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने उद्योग और शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की बात की, जिससे स्नातक छात्रों को रोजगार के लिए बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके।

ग्रामीण भारत में शिक्षा की पहुंच को बढ़ावा देने का विचार

चर्चा में पीयूष चौहान ने तकनीक के प्रभावी उपयोग से ग्रामीण भारत में शिक्षा की पहुंच को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इसके साथ ही, उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों के सशक्तिकरण के लिए नीतिगत सुधारों की आवश्यकता को उजागर किया।

एसआर ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस का नया अध्याय

पीयूष चौहान ने इस कार्यक्रम के दौरान यह भी घोषणा की कि एस आर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस वर्ष 2025 में विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित होने जा रहा है। उन्होंने नवाचार को प्रोत्साहित करने और नए शैक्षणिक कार्यक्रमों को शुरू करने और अकादमिक उत्कृष्टता को सुदृढ़ करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

शैक्षिक नीतियों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी की अहमियत

कार्यक्रम का समापन इस सामूहिक सहमति के साथ हुआ कि प्रभावी शैक्षिक नीतियों पर्याप्त वित्तीय सहयोग और उद्योग जगत के साथ मजबूत संबंधों के जरिए भारत को एक प्रतिस्पर्धी ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया जा सकता है। पीयूष चौहान ने इस दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल को एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो छात्रों के समग्र विकास में सहायक सिद्ध हो सकता है।



Virat Sharma

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Lucknow Reporter

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