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Lucknow News: बायोटेक पार्क को संवारने की योजना तैयार, इनोवेशन हब बनेगा, रिसर्च करने में होगी आसानी

प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि बायोटेक पार्क की तस्वीर बदलेंगे। जिस मकसद के साथ पार्क की स्थापना हुई, उसी स्वरूप में ढ़ालने की कोशिश करेंगे। इससे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना सच होगा। प्रो. पांडेय के अनुसार पेटेंट का कार्य किया जाएगा।

Abhishek Mishra
Published on: 9 April 2024 1:30 PM GMT
Lucknow News: बायोटेक पार्क को संवारने की योजना तैयार, इनोवेशन हब बनेगा, रिसर्च करने में होगी आसानी
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Lucknow News: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा स्थापित बायोटेक पार्क की सूरत बदलने की योजना तैयार कर ली गई है। इस पार्क को अब स्टार्टअप और स्किल डेवलेपमेंट ट्रेनिंग का हब बनाया जाएगा। इसके माध्यम से बायोटेक्नोलॉजी और फॉर्मेसी के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा।

बायोटेक पार्क की बदलेगी तस्वीर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम में 21 मई 2003 को बायोटेक पार्क की स्थापना का गई थी। बायोटेक पार्क का नया सीईओ प्रो. जेपी पांडेय को नियुक्त किया गया है। प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि पार्क की तस्वीर बदलने के लिए रणनीति बनाई गई है। स्टार्टअप के लिए इनोवेशन हब की स्थापना की जाएगी। रिसर्च, स्टार्टअप और एंटरप्रन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए बायोटेक पार्क की स्थापना हुई थी।

साकार होगा पूर्व प्रधानमंत्री का सपना

बायोटेक पार्क का पूर्ण संचालन वर्ष 2007 से शुरु हुआ। लेकिन जिस सोच के साथ पार्क स्थापित किया गया था वह पूरा नहीं हो सका। इसके मद्देनजर एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय को बायोटेक पार्क का नया सीईओ नियुक्त किया गया है। प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि बायोटेक पार्क की तस्वीर बदलेंगे। जिस मकसद के साथ पार्क की स्थापना हुई, उसी स्वरूप में ढ़ालने की कोशिश करेंगे। इससे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना सच होगा। प्रो. पांडेय के अनुसार पेटेंट का कार्य किया जाएगा। इसे एकेटीयू से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है।

शोध करने में होगी आसानी

बायोटेक पार्क के नव नियुक्त सीईओ प्रो. जेपी पांडेय के अनुसार पार्क में इनोवेशन हब को स्थापित किया जाएगा। जिससे स्टार्टअप और एंटरप्रन्योरशिप को बढ़ावा दिया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि बायोटेक पार्क में एक अच्छी लैब बनी हैं। बायोटेक्नोलॉजी और फॉर्मेसी में रिसर्च कार्य बेहतर तरीके से कर सकेंगे। बायोटेक्नोलॉजी और फॉर्मेसी के क्षेत्र में शोध करने में इससे आसानी होगी।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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