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Lucknow News: अस्पतालों में एलपी दवा खरीद में खेल, सरकार को लगा रहे चूना

Lucknow News: सिविल, बलरामपुर, लोकबंधु जैसे सरकारी अस्पतालों में एलपी दवाएं खरीदी जाती हैं। बकायदा हर साल व दो साल पर इसके लिए जेम पोर्टल पर ई टेंडर का दावा किया जाता है। ई टेंडर में कहीं से भी कोई भी फर्म ऑनलाइन टेंडर डाल सकती है।

Abhishek Mishra
Published on: 19 Sept 2024 1:30 PM IST (Updated on: 19 Sept 2024 1:30 PM IST)
Lucknow News: अस्पतालों में एलपी दवा खरीद में खेल, सरकार को लगा रहे चूना
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Lucknow News: शहर के सरकारी अस्पतालों में एलपी (लोकल परचेज) दवाओं को अधिक दाम में खरीदने का खेल चल रहा है। इस खेल से सरकार को राजस्व में हर साल लाखों रुपए का चूना लगा रहा है। हर साल होने वाले टेंडर में ब्रांडेड और जेनेरिक दवाओं की करोड़ों रुपए की खरीद प्रमुख सरकारी अस्पतालों में की जाती है। यह दवाएं अस्पताल में भर्ती होने वाले गरीब मरीजों, अस्पताल के कर्मचारियों के साथ माननीयों को नि:शुल्क दी जाती हैं। दवाएं बाजार के फुटकर काउंटरों पर सस्ते में मिल रही हैं, जबकि अस्पताल प्रशासन इन्हें अधिक दाम में खरीद रहा है।

10 से 15 साल से दो ही फर्म पा रही टेंडर

प्रमुख सरकारी अस्पतालों के अफसरों और दवा आपूर्ति करने वाली फर्मों के संचालकों की मिलीभगत से एलपी दवाओं की खरीद पर छूट देने का खेल चल रहा है। सिविल, बलरामपुर, लोकबंधु जैसे सरकारी अस्पतालों में एलपी दवाएं खरीदी जाती हैं। बकायदा हर साल व दो साल पर इसके लिए जेम पोर्टल पर ई टेंडर का दावा किया जाता है। ई टेंडर में कहीं से भी कोई भी फर्म ऑनलाइन टेंडर डाल सकती है। पर, बीते 10-15 साल से एक या दो ही फर्म ( हजरतगंज के पार्क रोड व नरही स्थित फर्म हैं) इन तीनों अस्पतालों में टेंडर पाती हैं। वही दवा आपूर्ति करती हैं। जानकारों की माने तो अफसर टेंडर की शर्तों में ही खेल कर देते हैं, जिससे दूसरी फर्में उन शर्त को पूरा नहीं कर पाती हैं। इसी अगस्त में हुए टेंडर में भी यही खेल हुआ। जबकि दूसरी फर्में अस्पताल को ब्रांडेड दवाओं पर 20 से 25 फीसदी और जेनेरिक दवाएं 50 से 60 फीसदी दर पर देने को तैयार हैं।

ब्रांडेड पर साढ़े 10 फीसदी छूट

इस बार टेंडर डालने वाली दोनों फर्मों ने यही खेल किया है। फर्म संचालकों ने ब्रांडेड दवा पर 10.60 फीसदी छूट और जेनेरिक दवा 40.50 फीसदी दर पर देने का अनुबंध किया है। जबकि इससे पहले यह फर्में ब्रांडेड दवा पर कई साल से महज आठ फीसदी तक ही छूट दे रही थीं। अहम बात है कि बड़ी दवा कंपनियां तक ऑनलाइन ही ब्रांडेड पर 20 से 25 फीसदी की पक्का बिल समेत छूट दे रही हैं। जेनेरिक में 50 से 90 फीसदी तक की दर पर दवा मिल रही है। एक प्रमुख अस्पताल में ही दो से तीन करोड़ रुपए तक की हर साल दवा की खरीद की जाती है।

यह बोले अफसर

सिविल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव व लोकबंधु के एमएस डॉ. अजय शंकर ने बताया कि अस्पताल में एलपी के लिए नरही वाली फर्म दवा आपूर्ति कर रही है। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण ने बताया कि इस बार एलपी के लिए दोनों फर्म 10.60 फीसदी छूट दे रही हैं, जबकि जेनेरिक 40 फीसदी दर पर आपूर्ति कर रही हैं।

50 से 90 फीसदी सस्ती दर पर जेनेरिक दवा

दवा विक्रेता वेलफेयर समिति अध्यक्ष विनय शुक्ला के मुताबिक ब्रांडेड के मुकाबले जन औषधि पर मिल रही जेनेरिक दवाएं 50 से 90 फीसदी कम दर पर मिलती हैं। जो दवा ब्रांडेड कंपनी में 100 रुपए की होगी। वह जेनेरिक में 10 से लेकर 50 रुपए तक मिलती है। जेनेरिक दवाओं का प्रिंट रेट बहुत ही कम होता है। जेनेरिक दवाएं सरकार की ओर से सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जाती हैं।




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Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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