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Lucknow News: बिरजू महाराज कथक संस्थान में बीपीए कोर्स शुरु करने की तैयारी, भातखंडे विवि से मांगी अनुमति
Lucknow News: बिरजू महाराज कथक संस्थान की निदेशक उमा द्विवेदी के मुताबिक पहले यह संस्थान लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध था। लेकिन भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय का घटक संस्थान बनने के बाद नियम बदल गए। अब भातखंडे की ओर से संस्थान की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी।
Lucknow News: भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय से संबद्ध बिरजू महाराज कथक संस्थान में स्नातक स्तर पर परफार्मिंग आर्ट्स (बीपीए) की पढ़ाई शुरु होगी। विद्यार्थी बीपीए पाठ्यक्रम में गायन, वादन और नृत्य जैसे विषयों के बारे में पढ़ सकेंगे। संस्थान की ओर से कोर्स शुरु करने के लिए विश्वविद्यालय से अनुमति मांगी गई है।
भातखंडे विवि से मांगी अनुमति
कथक संस्थान में जल्द ही स्नातक पाठ्यक्रम बीपीए की शुरुआत होगी। विश्वविद्यालय से अनुमोदन के बाद बीपीए गायन, वादन और नृत्य में 20-20 सीटों पर प्रवेश लिए जाएंगे। इस पाठ्यक्रम के लिए संस्थान ने पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय यानी बीसीयू से अनुमति मांगी है। जानकारी के अनुसार जून के अंतिम सप्ताह में पाठ्यक्रम में प्रवेश की सूचना जारी हो सकती है।
संस्थान में शुरु होगा बीपीए कोर्स
बिरजू महाराज कथक संस्थान की निदेशक उमा द्विवेदी के मुताबिक पहले यह संस्थान लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध था। लेकिन भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय का घटक संस्थान बनने के बाद नियम बदल गए। अब भातखंडे की ओर से संस्थान की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। बता दें कि संस्थान में बैचलर आफ परफार्मिंग आर्ट्स (बीपीए) कोर्स के संचालन की तैयारी पूरी कर ली गई है। अब संस्थान में कथक के अलावा शास्त्रीय गायन और कथक से जुड़े वाद्य यंत्र-हारमोनियम, तबला आदि में भी स्नातक डिग्री दी जाएगी। इसी साल से कोर्स की शुरुआत होगी। कुल 60 सीटों पर प्रवेश लिए जाएंगे।
तेज हुई कोर्स शुरु करने की तैयारी
संस्कृति विश्वविद्यालय से संबद्ध बिरजू महाराज कथक संस्थान का पुराना नाम राष्ट्रीय कथक संस्थान है। इसमें पहले से ही बीपीए कोर्स शुरू करने की तैयारी थी। किसी कारणवश इसे शुरु नहीं किया जा सका। संस्थान का नाम बदले जाने के बाद सचिव का पदनाम बदल दिया गया। इसे कोषाध्यक्ष कर दिया गया। जानकारी के अनुसार राजकीय अभिलेखागार की निदेशक उमा द्विवेदी को कथक संस्थान का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके बाद उन्होंने पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी तेज की।