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electricity employees protest: निदेशक वित्त को अवैधानिक सेवा विस्तार देना निजीकरण की साजिश: निदेशक वित्त का सेवा विस्तार तत्काल निरस्त किया जाय
electricity employees protest: 1 वर्ष का समय बीत गया। पता नहीं किन अज्ञात कारणों से नए निदेशक वित्त का चयन नहीं किया गया
Lucknow News Today Electricity Workers Came to Surround MD Office in Protest Against Privatization
Electricity Employees Agitation: विद्युत संचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने निदेशक वित्त को दिए गए सेवा विस्तार को तत्काल निरस्त करने की मांग करते हुए कहा है कि निदेशक वित्त को दिया गया सेवा विस्तार निजीकरण की साजिश का हिस्सा लगता है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पी.के.दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो इलियास, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह एवं राम निवास त्यागी ने कहा कि निदेशक वित्त को दिए गए सेवा विस्तार के आदेश में लिखा गया है कि 1 वर्ष पूर्व उन्हें इस शर्त पर सेवा विस्तार दिया गया था कि अगले निदेशक वित्त का चयन होने अथवा एक वर्ष जो भी अवधि कम हो तब तक उनको सेवा विस्तार दिया जा रहा है।
1 वर्ष का समय बीत गया। पता नहीं किन अज्ञात कारणों से नए निदेशक वित्त का चयन नहीं किया गया ।
अब जारी किए गए नए सेवा विस्तार के आदेश में लिखा गया है कि निदेशक वित्त का चयन होने अथवा 3 महीने तक, जो पहले हो उन्हें सेवा विस्तार दिया जा रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि अगर 3 महीने में भी नए निदेशक वित्त का चयन न हुआ तो फिर इसी प्रकार का आदेश आगे जारी किया जाएगा। संघर्ष समिति ने कुछ दिन पूर्व यह आशंका व्यक्ति की थी कि निदेशक वित्त को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु सेवा विस्तार अवैधानिक ढंग से दिया जा रहा है । यह चर्चा है कि निदेशक व्यक्ति के उन निजी कंपनियों के साथ कोई संबंध है जो पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में बिडिंग करने की इच्छुक हैं।
संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से निवेदन किया है की निदेशक वित्त को इस प्रकार अवैधानिक ढंग से दिया गया सेवा विस्तार तत्काल निरस्त करने की कृपा करें। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति एवं पारदर्शिता की नीति की सरकार में निदेशक वित्त को इस तरह दिया गया सेवा विस्तार कई शंकाओं को जन्म देता है।