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Lucknow Electricity News: बिजली के निजीकरण के विरोध में देश भर में विरोध प्रदर्शन, रिपोर्ट आने तक निजीकरण के निर्णय निरस्त करें

Lucknow Electricity News: ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बिजली वितरण का मनमाने ढंग से निजीकरण किया जा रहा है जिसके विरोध में देश भर में 27 लाख बिजली कर्मी आज सड़कों पर उतरे।

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Newstrack Network
Published on: 31 Jan 2025 4:17 PM IST
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Electricity News (Photo Social Media)

Privatization Oppose: नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आवाहन पर आज देश के सभी प्रांतों में बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने बिजली के निजीकरण के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किए। चंडीगढ़ की बिजली व्यवस्था निजी कंपनी को सौंपी गई तो 01 फरवरी को भी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बिजली वितरण का मनमाने ढंग से निजीकरण किया जा रहा है जिसके विरोध में देश भर में 27 लाख बिजली कर्मी आज सड़कों पर उतरे।

उन्होंने कहा कि मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ विद्युत विभाग को एमिनेंट इलेक्ट्रिक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को सौंपने के निर्णय से बिजली कर्मचारियों में गुस्सा फूट पड़ा है। उप्र में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के जरिए उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों की बिजली व्यवस्था निजी घरानों को सौंपने की तैयारी हो रही है। राजस्थान में विद्युत वितरण के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है और उत्पादन निगम को जॉइंट वेंचर के नाम पर एनटीपीसी और कोल इंडिया लिमिटेड को हैंडोवर किया जा रहा है।

शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद यश नायक के नेतृत्व में एक मंत्री समूह का गठन किया है। इस मंत्री समूह में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सम्मिलित है। इसके संयोजक उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा हैं।

मंत्री समूह के टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस में विद्युत वितरण व्यवस्था के वित्तीय सुधार, ऋणों और घाटे से उबारने हेतु विस्तृत अध्ययन कर सुझाव देने का कार्य है। ऐसे में उप्र, चंडीगढ़ और राजस्थान में विद्युत वितरण के निजीकरण के एकतरफा निर्णय को तत्काल रद्द किया जाय। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने सितम्बर 2020 में विद्युत वितरण के निजीकरण हेतु स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का एक ड्राफ्ट जारी किया था। ऊर्जा मंत्रालय ने अभी तक इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप नहीं दिया है और अब विद्युत वितरण की व्यवस्था में सुधार हेतु उसे कर्ज और घाटे से उबारने हेतु एक मंत्री समूह का गठन कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इस मंत्री समूह के सामने बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के विभिन्न प्रांतों के और राष्ट्रीय संगठन अपनी बात रखेंगे। मंत्री समूह को कर्मचारी संगठनों से बात करना चाहिए और उनके प्रस्ताव पर भी विचार करना चाहिए। इस दृष्टि से मंत्री समूह की रिपोर्ट आने तक निजीकरण के तमाम फैसले तत्काल वापस लिया जाना बेहद जरूरी है।

उन्होंने बताया कि आज लखनऊ, चंडीगढ़, जबलपुर, भोपाल, वडोदरा, मुंबई, नागपुर, रायपुर, त्रिवेंद्रम, चेन्नई ,हैदराबाद, विजयवाडा, बेंगलुरु, पुडुचेरी, रांची, कोलकाता, गुवाहाटी, पटियाला, शिमला, देहरादून, हिसार, जम्मू, श्रीनगर, जयपुर में बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किए।



Ramkrishna Vajpei

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