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Lucknow News: लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान में रेजूम प्रक्रिया की शुरुआत: क्या है रेजूम प्रक्रिया, जानें

राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान ऑफ मेडिकल साइंसेज में यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग ने दो रोगियों पर रेजूम प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न की गई।

Virat Sharma
Published on: 31 Jan 2025 7:59 PM IST
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Photo- Social Media

Lucknow News: राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान ऑफ मेडिकल साइंसेज में यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग ने दो रोगियों पर रेजूम प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न की गई। यह प्रक्रिया विशेष रूप से उन रोगियों के लिए उपयुक्त थी जो पारंपरिक ट्रांसयूरेथ्रल रीसेक्शन ऑफ द प्रोस्टेट (टीयूआरपी) सर्जरी के लिए अनुपयुक्त थे।

क्या है रेजूम प्रक्रिया

डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान ऑफ मेडिकल साइंसेज के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ ईश्वर राम ध्याल ने बताया कि रेजूम प्रक्रिया एक न्यूनतम इनवेसिव गैर-सर्जिकल उपचार है। जो प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने (बीपीएच) के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में पानी के वाष्प का उपयोग करके प्रोस्टेट के ऊतकों को सिकोड़ने का काम किया जाता है। जिससे रोगी को राहत मिलती है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।

जटिल रोगियों के लिए एक समाधान

विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ ईश्वर राम ध्याल ने बताया कि यह प्रक्रिया उन रोगियों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हुई है। जिनके पास कोरोनरी धमनी रोग, अनियंत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप, रक्तस्राव विकार, स्ट्रोक जैसी सह-रोग स्थितियां थीं। और जो रक्त पतला करने वाली दवाएं ले रहे थे। इस उपचार से इन रोगियों को बिना सर्जरी के राहत मिल रही है।

रोगियों के लिए सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध: डॉ ध्याल

डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रोफेसर डॉ ईश्वर राम ध्याल ने इस सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने रोगियों के लिए सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रक्रिया उन रोगियों के लिए एक नई उम्मीद है जो सर्जरी के लिए अनुपयुक्त हैं। हमें उम्मीद है कि हम भविष्य में और भी अधिक रोगियों की मदद करेंगे।

टीम का योगदान और भविष्य की उम्मीदें

रेजूम प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न करने वाली टीम में प्रोफेसर डॉ. आलोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर डॉ. संजीत सिंह, डॉ. शिवानी, डॉ. नंदन, डॉ. नितेश, डॉ. प्रवीण, डॉ. हिमांशु, डॉ. अभिषेक और एनेस्थीसिया विभाग से प्रोफेसर डॉ. पीके दास और डॉ. शरीफ शामिल थे।



Virat Sharma

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Lucknow Reporter

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