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UPPSC RO-ARO Exam: आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा निरस्त, CM बोले-बख्शे नहीं जायेंगे दोषी
UPPSC RO-ARO Exam: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गयी समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2023 निरस्त कर दी गयी है।
UPPSC RO-ARO Exam: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गयी समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2023 (RO-ARO Exam) निरस्त कर दी गयी है। आरओ-एआरओ की परीक्षा छह माह के अंदर दोबारा करायी जाएगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को ऐसी सजा मिलेगी जोकि नजीर बनेगी। इसके साथ ही इसके मामले की जांच के लिए एसटीएफ को सौंपी गयी है। उल्लेखनीय है कि 11 फरवरी को परीक्षा होने के बाद से ही प्रश्न पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने की शिकायतें मिली थी। पेपर लीक होने के खबर मिलने के बाद से ही अभ्यर्थी लगातार संघर्षरत थे और परीक्षा कैसिंल करने की मांग कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने की समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीपीएससी द्वारा 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2023 (RO-ARO Exam) की शनिवार को समीक्षा की। यूपीपीएसी आरओ-एआरओ के पेपर लीक होने के संबंध में शासन ने 27 फरवरी तक प्रत्यावेदन मांगे थे। शासन को उपलब्ध कराए गये साक्ष्यों तथा आयोग द्वारा उपलब्ध रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया है कि लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी को आयोजित समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा 2023 (RO-ARO Exam) की दोनों सत्रों की परीक्षाओं को निरस्त कर दिया जाए। इसकी परीक्षा आगामी 06 माह में पुनः कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य में सम्मिलित व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी वैधानिक व दण्डात्मक कार्यवाही की जाए। साथ ही प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी गयी है। एसटीएफ शीघ्र जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही करेगी।
11 लाख अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन
11 फरवरी को संपन्न हुई आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 10,76,004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जबकि परीक्षा में लगभग सात लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। प्रारंभिक परीक्षा के बाद से ही सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने के बाद से ही एग्जाम में सम्मिलित हुए सात लाख अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे। परीक्षा होने के बाद से ही परीक्षार्थी लगातार आंदोलन कर परीक्षा निरस्त करने की मांग कर रहे थे।