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‘आपसी बयानबाजी पर लगाएं रोक, वरना...,’ UP BJP और सरकार को संघ की नसीहत, RSS ने संभाली चुनावी कमान
RSS BJP Coordination Meet: सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ के सह सर कार्यवाह अरुण कुमार की मौजूदगी में सरकार, संघ और भाजपा संगठन के बीच समन्वय को लेकर हुई बैठक में सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
RSS BJP Coordination Meet: 2014, 2019 में यूपी में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए दोनों बार विरोधियों को सूपड़ा साफ कर दिया था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी की सत्ता का भाजपा दोबारा स्वाद चखने के बाद भी उम्दा प्रदर्शन नहीं कराई और केंद्र की सत्ता में पूर्ण बहुमत का रथ भी रोक गया। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद सरकार और संगठन की अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इशारों इशारों में कई मौके पर अपनी ही सरकार और उसके मुखिया योगी आदित्यनाथ को घेरे हुए नजर आए। हालांकि सीएम योगी शांत नजर आए। अयोध्या की मिल्कीपुर सहित यूपी में होने वाले 10 सीटों पर विधानसभा के चुनाव के बीच सरकार और संगठन को लेकर छिड़ी रार को खत्म के लिए अब राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) आ गया है। इसी को देखते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर आरएसएस और भाजपा के बीच बड़ी बैठक हुई।
यूपी बीजेपी को संघ ने दी बड़ी नसीहत
सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ के सह सर कार्यवाह अरुण कुमार की मौजूदगी में सरकार, संघ और भाजपा संगठन के बीच समन्वय को लेकर हुई बैठक में सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय, उप चुनाव की रणनीति, निकायों और बोर्डों में पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई। सूत्रों की मानों तो बैठक में तय हुआ कि उप चुनाव में भाजपा के साथ संघ भी शामिल होगा, जोकि लोकसभा चुनाव में परोक्ष रूप से नहीं शामिल था, जिसका भाजपा को नुकसान भी उठाना पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक, सीएम आवास पर ढाई घंटे तक चली बैठक में सबसे अधिक चर्चा सरकार और संगठन के बीच कौन बड़ा को लेकर चल रही जंग पर हुई। इसमें संघ ने कड़ी चिंता जाहिर की और कहा अगर यही आगे चल रहा है तो इसके परिणाम काफी गंभीर होंगे। संघ ने यह बात तब कही जब बैठक में यूपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और ब्रजेश पाठक मौजूद रहे। संघ ने नेताओं को ऐसी स्थिति से बचने की सलाह दी है।
छोटी बैठकों को दिया गया फोकस, आरक्षण की सच्चाई जनता के बीच रखें
बैठक में उप चुनाव को लेकर सरकार और संगठन के आपसी समन्वय पर भी चर्चा की गई। पार्टी के सभी बड़े नेताओं की यह जिम्मेदारी मिली है कि कहीं पर आपसी मतभेद या मनभेद की स्थिति हो तो उसे आमने-सामने बैठकर समाधान कर लिया जाए। इसके अलावा बूथ प्रबंधन पर भी चर्चा की गई है। बैठक में कहा गया कि बूथवार छोटी-छोटी बैठकें करके जनता के बीच लगातार संवाद करने की रणनीति पर जोर दिया। साथ ही, विपक्ष के आरक्षण और संविधान को तैयार किए गए नेरेटिव को खत्म करने के लिए जनता के बीच सच्चाई रखी जाए। सरकार और पार्टी बूथवार बैठक कर लोगों के बीच पीडीए का भ्रमजाल तोड़ जाए। बैठक में यह भी तय किया गया है कि सदस्यता अभियान में पिछड़े और दलित समाज के लोगों को जोड़ा जाए।
पुराने और कॉडर वाले कार्यकर्ताओं का सम्मान
सूत्रों की मानें तो बैठक में तय हुआ है कि इस बार विभिन्न निकायों और बोर्डों में रिक्त पदों पर समायोजन में पार्टी के कॉडर वाले व पुराने कार्यकर्ताओं को ही तरजीह दी जाएगी, जबकि जो लोग दूसरे दलों से आएं हैं, उन्हे बाद में समायोजित किया जाएगा। कार्यकर्ताओं के अंसतोष पर भी बैठक में चर्चा हुई। इस बात को माना गया है कि जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच पनपे असंतोष और उपेक्षा के कारण भी लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा है। इसलिए आगे से पुराने और कॉडर वाले कार्यकर्ताओं के सम्मान का ख्याल रखा जाए। उनकी उपेक्षा की शिकायतों को दूर किया जाए।