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UP: 'विधायक बजट सत्र में अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन से बनाएं बेहतर छवि...निपुणता से बोलें, सब सुनेंगे'- सतीश महाना
UP News: विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि, 'पिछले कुछ दशकों में विधायिका को बेहद कमजोर दिखाने का काम किया गया। जबकि यह लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तम्भ है।
Lucknow News: विधानसभा के आगामी बजट सत्र में अपनी प्रतिभा का ऐसा प्रदर्शन करें जिससे प्रदेश में बेहतर छवि बन सके। सदन में जिस विषय पर किसी अन्य सदस्य ने अपनी बात न रखी हो, उस पर अपनी निपुणता दिखाने का काम अवश्य करें। विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं के साथ पर्यावरण पर भी चर्चा करें जिसका संदेश देश की दूसरी विधानसभाओं तक पहुंचे। ये बातें शुक्रवार (05 जनवरी) को यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) ने कहीं।
दरअसल, सतीश महाना क्षेत्रवार शुरू हुए संवाद कार्यक्रम के दूसरे दिन रुहेलखण्ड क्षेत्र से जुडे़ विधायकों के बीच उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि, 'पर्यावरण जैसे विषय पर चर्चा होने से देश में यूपी विधानसभा का मान और बढे़गा।'
महाना- निपुणता से बोलें तो सब सुनेंगे
सतीश महाना ने आगे कहा, 'सदन में जिस विषय पर किसी सदस्य ने बोलने का काम नहीं किया है। यदि उस विषय पर कोई सदस्य निपुणता हासिल करके बोलेगा तो उसकी बात को पूरा सदन बड़े गौर से सुनेगा। क्योंकि, भाषण देने वालों को भाषण सुनाना बहुत कठिन होता है।'
'विधायिका को बेहद कमजोर दिखाने का काम हुआ'
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि, 'पिछले कुछ दशकों में विधायिका को बेहद कमजोर दिखाने का काम किया गया। जबकि यह लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तम्भ है। लाखों लोगों को संतुष्ट करने का काम एक विधायक ही करता है। जनता के बीच एक विधायक का काम कभी खत्म ही नहीं होता। एक विधायक को अपने क्षेत्र के काम के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। जनता को उसके काम की नहीं बल्कि काम के प्रयास की गारंटी देनी चाहिए।'
विधायक अपने से वरिष्ठ सदस्यों से सीखें
महाना ने आगे कहा कि, 'विधायक अपने से वरिष्ठ सदस्यों से सीखने का काम करें, चाहे वह सत्ता पक्ष के हों अथवा विपक्ष के वरिष्ठ विधायक हों। अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि 1991 में जब पहली बार विधानसभा के लिए चुना गया तो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वरिष्ठों से सीखने का खूब काम किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मजबूरी के तहत एक दूसरे दल के खिलाफ बोलना और उसकी आलोचना करना तो सरल होता है लेकिन इस बात का लाभ उस क्षेत्र की जनता को नहीं मिल पाता है।'
...तब भी महाना जी से सीखता था
इस मौके पर वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की सराहना की। उन्होंने कहा कि, 'इस तरह के आयोजनों से विधायकों को बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। हमने जब पहली बार विधानसभा में कदम रखा था। तब भी महाना जी से सीखता था। आज भी सीख रहा हूं।'
आकाश सक्सेना बोले- विधायिका की गरिमा बनी रहे
विधानसभा सदस्य इकबाल महमूद ने कहा कि, 'विधान परिषद की तरह ही विधानसभा में लंच ब्रेक की व्यवस्था शुरू की जानी चाहिए। वहीं, आकाश सक्सेना ने कहा कि, विधायिका की गरिमा बनी रहे इसका ध्यान हम सबको सदैव रखना चाहिए। कमाल अख्तर ने कहा कि जिस तरह से सदन का संचालन हो रहा है। उस पर हम सबको फक्र है। साथ ही यह भी कहा कि विधानसभा सत्र को बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं शहजिल इस्लाम ने कहा कि जिसकी तीसरी पीढ़ी विधायिका से जुड़ी है उसको सम्मानित किया जाना चाहिए।
संवाद कार्यक्रम में उपस्थित रहे 26 सदस्य
संवाद कार्यक्रम में उपस्थित 26 सदस्यों में राजीव सिंह ‘बब्बू भैया,’ समरपाल सिंह, डा डी.सी. वर्मा,मो. फहीम, संजीव अग्रवाल, डा एम.पी. आर्य, मो.नासिर, आशुतोष मौर्य, प्रसन्न कुमार, अशरफ अली, मुकेश चौधरी, आशु मलिक, महेश गुप्ता, उमर अली समेत अन्य विधायकों ने अपने विचार और सुझावों को रखा। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे भी उपस्थिति थे।