Lucknow News: KGMU में टीबी पर आयोजित हुआ वैज्ञानिक कार्यक्रम

Lucknow News: मुख्य अतिथि डॉ. उर्वशी ने कहा कि अगले महीने से एमडीआर टीबी को 6 महीने में ठीक करने की दवाएं देश में उपलब्ध होगी।

Abhishek Mishra
Published on: 15 Oct 2024 1:45 PM GMT
Lucknow News: KGMU में टीबी पर आयोजित हुआ वैज्ञानिक कार्यक्रम
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Lucknow News: किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में टीबी की जंग में एन्टी माइक्रोबियल रेजिस्टेन्स के विषय पर एक वैज्ञानिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, डीडीजी टीबी डा. उर्वशी सिंह ने मुख्य अतिथि के रुप में ऑनलाइन संबोधन दिया।

टीबी पर वैज्ञानिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की ओर से यूएसएड (USAID) तथा इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डिजीसेज (द यूनियन) के सहयोग से मंगलवार को कलाम सेंटर में वैज्ञानिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में लगभग 200 चिकित्सक कलाम सेंटर तथा 150 चिकित्सक ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभागी रहे। ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. उर्वशी ने कहा कि अगले महीने से एमडीआर टीबी को 6 महीने में ठीक करने की दवाएं देश में उपलब्ध होगी। डॉ. सोनिया नित्यानंद कुलपति, केजीएमयू ने बताया कि उत्तर प्रदेश के चिकित्सकों को एमडीआर टीबी की नई दवाओं के उपयोग के लिए केजीएमयू प्रशिक्षण देगा।

यूपी में विकसित हो रहा टीबी चिकित्सा हब

रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष तथा नेशनल टास्क फोर्स, राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रम के सदस्य डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य टीबी के उन्मूलन में आ रही सबसे बड़ी चुनौती ड्रग रेजिस्टेंस टीबी (एमडीआर एवं एक्सडीआर) के बारे में टीबी के क्षेत्र में कार्यरत सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं कार्यकर्ताओं को इसके कारण और निवारण के बारे में ज्ञानवर्धन कराना था। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में एमडीआर एवं एसडीआर टीबी की चुनौती से निपटने के लिए रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, केजीएमयू को द यूनियन, डब्लूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) तथा भारत सरकार ने 10 अक्टूबर 2022 को टीबी के उपचार हेतु उत्कृष्ट केंद्र (सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस) के रूप में चयनित किया था। तब से लेकर पूरे प्रदेश में केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को टीबी की चिकित्सा का हब तथा उत्तर प्रदेश के मेरठ, आगरा, अलीगढ़, सैफई (इटावा), झांसी, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अंबेडकर नगर तथा गोरखपुर को स्पोक के रूप में विकसित किया गया है तथा भविष्य में उत्तर प्रदेश के 44 अन्य जिलों को टीबी के उपचार हेतु उत्कृष्ट केंद्र के स्पोक्स के रूप में बनाने की योजना है, जिससे उत्तर प्रदेश को शीघ्र ही टीबी मुक्त किया जा सके।

प्रदेश को टीबी मुक्त करने की तैयारी

प्रदेश के स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ. शैलेन्द्र भट्नागर ने बताया कि प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए 911 सीबीनॉट मशीन, 14 टीबी कल्चर लैब तथा 24 नोडल ड्रग रेजिस्टेन्ट केंद्र की स्थापना की जा चुकी है। कार्यक्रम में यूएसएडी सीनियर हेल्थ एडवाइजर डॉ. भाविन वडेरा, फरीदाबाद अमृता हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संजीव सिंह, डॉ. राकेश पीएस डिप्टी डायरेक्टर (प्रोग्राम) द यूनियन, डॉ. मीरा भाटिया नेशलन कंसल्टेन्ट द यूनियन, डॉ. आर के दीक्षित, डॉ. मोनिका अग्रवाल, डॉ. प्रशांत गुप्ता, डॉ. एस के सिंह, डॉ. हरीश गुप्ता, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. अमित कुमार एवं रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग से डॉ. आरएएस कुशवाहा, डॉ. एस के वर्मा, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. अजय कुमार वर्मा, डॉ. आनन्द कुमार श्रीवास्तव, डॉ. दर्शन कुमार बजाज, डॉ. ज्योति बाजपेई, डॉ. अंकित कुमार व अन्य मौजूद रहे।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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