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Lucknow News: 'आइए जानें क्या है आतंकवाद' पर छोटे इमामबाड़े में हुआ सेमिनार, सैकड़ों की संख्या में जुटे लोग

Lucknow News: इजरायल और ईरान के बीच जारी विवाद और उसके बाद इजराइल द्वारा हिजबोल्लाह प्रमुख पर हमले से हुई सैय्यद हसन नसरल्लाह की मौत से शिया संगठनों में रोष व्याप्त है।

Santosh Tiwari
Published on: 9 Oct 2024 10:07 PM IST (Updated on: 9 Oct 2024 10:09 PM IST)
Lucknow News: आइए जानें क्या है आतंकवाद पर छोटे इमामबाड़े में हुआ सेमिनार, सैकड़ों की संख्या में जुटे लोग
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Lucknow News: इजरायल और ईरान के बीच जारी विवाद और उसके बाद इजराइल द्वारा हिजबोल्लाह प्रमुख पर हमले से हुई सैय्यद हसन नसरल्लाह की मौत से शिया संगठनों में रोष व्याप्त है। इसे लेकर बुधवार को शहर के छोटे इमामबाड़े में सभा का आयोजन हुआ। विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजित इस सभा में विभिन्न संगठनों के धर्म गुरु और पदाधिकारी शामिल हुए। इस सभा में अमेरिका और इजरायल पर भी कड़े आरोप लगाए गए हैं।

बड़ी तादाद में औरतों और महिलाओं को मारने का आरोप

संगठन में बोलते हुए शिया धर्म गुरुओं में आरोप लगाए कि इज़रायल-गाजा युद्ध के एक साल के अंतराल में गाजा में 42,000 से अधिक निर्दोष नागरिक मारे गए हैं और इज़रायल की बमबारी में लेबनान में 2000 लोग मारे गए हैं। इसमें बड़ी तादाद में औरतें और बच्चे शामिल हैं लेकिन पश्चिमी और भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा जानबूझकर लोगों को गलत जानकारी दे रहा है। मीडिया युद्ध अपराधी इज़रायल और उसके वैश्विक सहयोगी अमेरिका का महिमामंडन कर रहा है, जबकि उसका मुख्य काम लोगों को सच बताना है। साथ ही कठपुतली मीडिया आम फिलिस्तीनियों, लेबनानी और हिजबोल्लाह और हमास जैसी प्रतिरोध सेनाबल को आतंकवादी बता रहा है, जो कि असत्य और अस्वीकार्य है।

मीडिया पर कानूनों के उल्लंघन का आरोप

छोटा इमामबाड़ा में "आइए जानें, आतंकवाद क्या है?" विषय पर आयोजित सेमिनार में आतंकवाद और मीडिया में इसके गलत चित्रण के बारे में संवाद, जागरूकता और समझ के लिए एक मंच प्रदान किया गया। कार्यक्रम में न्याय, मानवाधिकार और कानून के शासन को बनाए रखने के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया गया। कार्यक्रम में मौलाना कल्बे जव्वाद, स्वामी आनंद नारायण जी महाराज, मौलाना रज़ा हैदर, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सलमान नदवी, मौलाना जहांगीर आलम कासिमी, मौलाना मुस्तफा मदनी, वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली और एडवोकेट हैदर ऐजाज़ सहित प्रमुख विद्वानों, समुदाय के नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों ने बात की।


एडवोकेट हैदर ऐजाज़ ने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इज़रायल पर गाजा में नरसंहार करने का आरोप लगाया है और फिलिस्तीन में उसके बसने को अवैध करार दिया है I पत्रकार कुर्बान अली ने कहा कि “दुनिया में इज़रायली आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इसकी निंदा की है। इजरायल का समर्थन करने के लिए अमेरिका का एजेंडा मानवता की हत्या करना और पश्चिम एशिया में तबाही मचाना है।“

इजराइल और अमेरिका ने किया अत्याचार- कल्बे जव्वाद

मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि “इज़राइल और अमेरिका ने फ़िलिस्तीनियों पर अत्याचार किया है और उनकी ज़मीन पर अतिक्रमण किया है। इज़रायल आतंकवाद का मुख्य स्रोत है। उन्होंने हज़ारों महिलाओं और बच्चों को मार डाला है। हिजबोल्लाह और हमास महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानी हैं, आतंकवादी नहीं।“

इस्लाम का आतंकवाद से संबंध नहीं- यासूब अब्बास

मौलाना यासूब अब्बास ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। इस्लाम में एक निर्दोष व्यक्ति को मारना मानवता की हत्या माना जाता है और एक निर्दोष को बचाना पूरी मानवता को बचाने के समान माना जाता है। लेकिन पक्षपाती मीडिया हिजबोल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह को आतंकवादी बता रहा है, जबकि भारतीय समूह द्वारा इसे आतंकवादी समूह की सूची में नहीं रखा गया है। भारत को हसन नसरल्लाह और ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी का एहसानमंद होना चाहिए, जिन्होंने इराक के तिकरित में आईएसआईएस आतंकवादी समूह से 46 भारतीय नर्सों को बचाया।"


भारत सरकार और UN को भेजे ज्ञापन

कार्यक्रम के आयोजकों ने भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र को आवश्यक कदम उठाने के लिए दो ज्ञापन भेजे हैं। भारत सरकार को भेजे गए ज्ञापन में फिलिस्तीन के लिए अपने रुख की पुष्टि करने तथा मीडिया चैनलों को लेबनानी समूह हिजबोल्लाह और फिलिस्तीनी प्रतिरोधी बल हमास को आतंकवादी समूह के रूप में लेबल न करने की मांग की गई है। संयुक्त राष्ट्र को लिखे ज्ञापन में संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध किया गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इज़राइल के खिलाफ याचिका दायर करे तथा इस युद्ध को रोकने के लिए हस्तक्षेप करे, जिसने सबसे बड़ा मानवीय संकट पैदा किया है तथा विश्व को तीसरे विश्वयुद्ध की ओर धकेल रहा है। कार्यक्रम का आयोजन 30 से अधिक प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा किया गया था। जिसमें मजलिसे उलेमा ए हिंद, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड, शिया उलेमा असेंबली, ऐनुल हयात ट्रस्ट, इदारा इल्म ओ दानिश, एचईडब्ल्यूएस, एफएमटी, मेहदियन्स, अवधनामा आदि शामिल हैं।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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