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Lucknow News: 'कई दिलों को बनाया था मजबूत', अब नहीं रहे SGPGI के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुदीप

Lucknow News: कर्मचारी महासंघ के पूर्व महामंत्री धर्मेश कुमार का कहना है कि डॉक्टर सुदीप अपने मरीजों से बहुत प्यार से बातचीत किया करते थे। जिससे मरीजों की आधी परेशानी यूं ही दूर हो जाती थी।

Abhishek Mishra
Published on: 26 Sep 2024 2:15 PM GMT (Updated on: 26 Sep 2024 2:32 PM GMT)
Lucknow News: कई दिलों को बनाया था मजबूत, अब नहीं रहे SGPGI के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुदीप
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Lucknow News: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुदीप कुमार का गुरुवार को निधन हो गया। उन्होंने अपने चिकित्सकीय कार्यकाल में कई हृदय रोगियों के दिलों को मजबूत किया। डॉ. सुदीप के नाम अनेकों उपलब्धियां हैं।

डॉ. सुदीप ने कई दिलों को बनाया मजबूत

हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. सुदीप कुमार ने हजारों लोगों को दिल की गंभीर बीमारियों से निजात दिलाई। 1989 बैच के किंग जार्ज मेडिकल विवि के एमबीबीएस छात्र रहे डॉक्टर कुमार लंबे समय से पेट के कैंसर से जूझ रहे थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने हजारों को दिलों को मजबूत बनाया। गुरुवार को अपनी नम आंखों से संस्थान व समाज के लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दे दी।

डॉ. सुदीप कुमार

चिकित्सा के साथ शोध क्षेत्र में रहे सक्रिय

डॉ. सुदीप ने केजीएमयू से 1997 में एमडी की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने पीजीआई से वर्ष 2000 में डीएम इन कार्डियोलॉजी किया। पीजीआई में 2004 में डॉक्टर कुमार ने संकाय सदस्य के रुप में कार्य करना शुरु किया। चिकित्सकीय कार्यों के साथ ही वह शोध क्षेत्र में भी काफी काम करते रहे। जानकारी के अनुसार उनके 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र हैं।

साइकिलिंग किया करते थे डॉक्टर कुमार

संस्थान के नेफ्रोलाजिस्ट प्रो. नारायन प्रसाद ने बताया कि डॉ. कुमार साइकिलिंग किया करते थे। उन्होंने लद्दाख में स्थित विश्व के सबसे ऊंचे मोटरेबल रोड टाप खारदूंगला (620 किमी) की दूरी साइकिल से तय की थी। उन्होंने दिल की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हजारों मरीजों का उपचार किया।

पेट के कैंसर से जूझ रहे थे डॉक्टर सुदीप

कर्मचारी महासंघ के पूर्व महामंत्री धर्मेश कुमार का कहना है कि डॉक्टर सुदीप अपने मरीजों से बहुत प्यार से बातचीत किया करते थे। जिससे मरीजों की आधी परेशानी यूं ही दूर हो जाती थी। उन्हें पिछले साल पेट में कैंसर के बारे में जानकारी हुई। जिसका इलाज हुआ। एक साल तक कोई समस्या नहीं हुई। पिछले दो तीन सप्ताह से उन्हें तकलीफ हुई। कैंसर का इलाज दोबारा शुरु हुआ लेकिन इश्वर को कुछ और मंजूर था।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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