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Lucknow University: 100 वर्ष पुरानी इमारत का दोबारा शिखर कलश टूटा, बिना टेंडर शुरू हुआ था काम
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में ऐतिहासिक कला संकाय भवन के ऊपर बना शिखर कलश एक बार फिर से टूट गया है। विश्वविद्यालय की ओर से टेंडर निकाले बिना शुरू हुए कार्यों में लगातार लापहवाही की जा रही है। इस लापरवाही के चलते विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा है।
100 वर्ष पुरानी इमारत का दोबारा शिखर कलश टूटा, बिना टेंडर शुरू हुआ था काम: Photo- Newstrack
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में ऐतिहासिक कला संकाय भवन के ऊपर बना शिखर कलश एक बार फिर से टूट गया है। विश्वविद्यालय की ओर से टेंडर निकाले बिना शुरू हुए कार्यों में लगातार लापहवाही की जा रही है। इस लापरवाही के चलते विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा है। बता दें कि यह इमारत 100 सालों से भी अधिक पुरानी है। इस इमारत के ऊपर ही शिखर कलश स्थित है।
दोबारा टूटा शिखर कलश
लखनऊ विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक कला संकाय भवन के ऊपरी हिस्से में अभी मरम्मत और पुताई का काम चल रहा है। इस कार्य के दौरान ही बुधवार को प्राच्य संस्कृत विभाग के ऊपर बना शिखर कलश टूट गया। ऐसी घटना पहले भी हो चुकी है। यह घटना कोई पहली बार घटित नहीं हुई। इससे पूर्व बीते महीने भी एक शिखर कलश काम करने के दौरान तोड़ दिया गया था। इसके बाद फजीहत होने के डर से विवि के निर्माण अधीक्षक प्रो. डीके सिंह और जेई एमपी तिवारी ने उसे जल्दबाजी में ठीक कराया था। आरोप है कि मजदूर शिखर कलश में ही रस्सी बांधकर पुताई का कार्य करते हैं। जिससे शिखर कलश बार-बार टूटे जा रहे हैं।
बिल्डिंग के ऊपर स्थित टूटा शिखर कलश: Photo- Newstrack
52 लाख 17 हजार 785 रुपये का टेंडर
लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से 26 दिसंबर की शाम पांच बजे प्रदेश सरकार के टेंडर पोर्टल पर कला संकाय के बाहरी हिस्से की मरम्मत और पुताई कार्य के लिए 52 लाख 17 हजार 785 रुपये का टेंडर जारी किया गया था। जिस पर पांच जनवरी तक टेंडर आमंत्रित किए जाने थे। छह जनवरी को टेंडर खोलने की तारीख निर्धारित की गई थी। पर, एलयू के निर्माण विभाग में पंजीकृत एक फर्म ने बिना टेंडर खुले ही कार्य कराना शुरू कर दिया था। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। पर, एक महीने बीतने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। एलयू प्रशासन और निर्माण अधीक्षक ने मामले में चुप्पी साध रखी है।
जल्द से जल्द ठीक कराया जाएगा कलश
इस मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वविद्यालय 100 वर्षो से भी पुराना है। समय-समय पर इसकी मरम्मत की आवश्यकता होती है। एक्सपर्ट की राय ली जा रही है। टूटे हुए शिखर कलश को जल्द से जल्द से ठीक करा दिया जाएगा।