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Shravan Sahu Murder: परिजनों ने कहा- सत्यम और अकील को दी जाए फांसी, खत्म किया जाए इनका गैंग
Shravan Sahu Murder: सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद न्यूजट्रैक की टीम ने सआदतगंज स्थित श्रवण साहू के घर पहुंचकर उनके बेटे सुनीत और उनकी पत्नी निर्मला से बातचीत की।
Shravan Sahu Murder: एक फरवरी 2017 को हुए राजधानी लखनऊ के बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में गुरुवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का फैसला आया है। इस फैसले में 8 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। हालंकि इस फैसले से श्रवण साहू का परिवार संतुष्ट नहीं है। यह बात उन्होंने न्यूजट्रैक को दिए गए अपने बयान में कहा है। पहले घर के बेटे आयुष की हत्या और फिर उसके आरोपियों को सजा दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे पिता श्रवण की हत्या से पूरी तरह बिखर चुके साहू परिवार ने घटना के मास्टरमाइंड रहे अकील अंसारी और सत्यम पटेल के लिए फांसी की मांग उठाई है। परिवार का कहना है कि इलाके में आरोपियों का गैंग अब भी सक्रिय है। जब तक दोनों को फांसी देकर उनके गैंग का सफाया नहीं होगा तब तक वह डर के साये में ही जीने को मजबूर रहेंगे।
दोनों घटनाओं को याद कर सिहर उठता है परिवार
2013 में बेटे आयुष की हत्या फिर उसके लिए न्याय की आस में भटक रहे पिता श्रवण की हत्या की घटनाएं परिवार के लिए एक बड़ा सदमा थी। इससे श्रवण का परिवार आज तक उबर नहीं पाया है। फैसले के बाद न्यूजट्रैक टीम से बातचीत करते हुए मृतक श्रवण के बेटे सुनीत और उनकी पत्नी निर्मला अब भी भावुक हो जाती हैं। वह कहती हैं कि भगवान ऐसा दिन किसी को न दिखाए। पहले जवान बेटा खोया फिर पति खो दिया। आज भी वह पल भुलाए नहीं भूलते हैं। उस घटना के बाद से परिवार अब भी सदमे में है। बेटे सुनीत कहते हैं कि हम लोगों के साथ जो हुआ अगर उसको याद कर लेते हैं तो आज भी रात-रात नींद नहीं आती। घर से अकेले निकलने में भी डर लगता है। सरकार की ओर से श्रवण साहू के परिवार की सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं इसके बावजूद परिवार के दिलों से अभी तक उस हादसे की विभीषिका निकल नहीं पाई है।
आगे भी जारी रहेगी लड़ाई
सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद न्यूजट्रैक की टीम ने सआदतगंज स्थित श्रवण साहू के घर पहुंचकर उनके बेटे सुनीत और उनकी पत्नी निर्मला से बातचीत की। इस दौरान बेटे सुनीत ने कहा कि सीबीआई ने फैसले में जो भी जांच की वह सही से की और उनके अधिकारियों ने भी काफी सहयोग किया। उसी का नतीजा है कि सात सालों में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है। हालांकि इसमें दो आरोपियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। इसके लिए उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा। परिजनों ने कहा कि यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
इन्हें सुनाई गई है उम्रकैद व जुर्माने की सजा
सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज राहुल प्रकाश ने गुरुवार को श्रवण साहू हत्याकांड में फैसला सुनाया है। इसमें 8 आरोपी सत्यम पटेल, अमन सिंह, अकील अंसारी, बाबू खान, विवेक शर्मा, बबलू उर्फ फैसल, अजय पटेल और रोहित मिश्र को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। कोर्ट ने आरोपी सत्यम और अमन पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जबकि अन्य आरोपियों को 10-10 हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया गया है। हालांकि श्रवण साहू के परिवार ने अकील और सत्यम को फांसी दिए जाने की मांग की है।
यहां से शुरू हुआ था विवाद
17 अक्टूबर 2013 को ठाकुरगंज के कैंपबेल रोड पर श्रवण साहू का छोटा बेटा आयुष साहू अपने दोस्त दिवाकर और आकाश के साथ बीयर के ठेके पर गया था। यहां स्थानीय हिस्ट्रीशीटर अकील भी बीयर लेने पहुंचा था। इसी बीच दोनों लोगों में कहासुनी हो गई थी। तभी गुस्से में आए अकील ने तीनों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। गोली लगने से तीनों दोस्त गंभीर घायल हो गए थे। जिन्हें इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। ट्रॉमा सेंटर में आयुष ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इसके बाद श्रवण साहू ने अकील समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था और वह इसकी लगातार पैरवी कर रहे थे।
धमकाने पर नहीं माने तो कर दी श्रवण की हत्या
आयुष की हत्या के बाद श्रवण ने मुकदमा दर्ज करा दिया था इसमें कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया था। इसके बाद से लगातार अकील और उसके गुर्गे श्रवण साहू पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे और लगातार उन्हें धमकियां भी दे रहे थे। उन्होंने कई बार स्थानीय थाने से लेकर पुलिस के जिम्मेदारों से शिकायत की लेकिन किसी ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। वर्ष 2017 में एक फरवरी को श्रवण साहू सहादतगंज की दाल मंडी स्थित बड़ा चौराहा पर अपनी तेल की दुकान पर बैठे हुए थे। जहां रात करीब 8:30 बजे दो अज्ञात बाइक सवारों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।
माफिया और पुलिस का गठजोड़ हुआ था उजागर
इस हत्याकांड के बाद जांच में पुलिस और अपराधियों का गठजोड़ भी उजागर हुआ था। इसके बाद स्वाट टीम के प्रभारी दरोगा धीरेंद्र शुक्ला, पारा थाने के सिपाही धीरेन्द्र यादव और अनिल यादव को बर्खास्त कर दिया गया था। जबकि साजिश में शामिल 14 पुलिसकर्मियों को केस दर्ज कर निलंबन व लाइन हाजिर करने की कार्रवाई की गई थी। वहीं, तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी पर भी विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। इस घटना में कई स्तरों पर पुलिस की भयंकर लापरवाही उजागर हुई थी। इसी लापरवाही के चलते श्रवण साहू की जान चली गई थी।