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Lucknow News: घने कोहरे में हो सकेगा विमानों का सुचारू संचालन, पुनर्वास विवि करेगा शोध

Rehabilitation University: पुनर्वास विवि में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दिनेश कुमार निषाद कोहरा निवारण के लिए ड्रोन तकनीक शोध परियोजना पर काम करेंगे। यह परियोजना कोहरे के फैलाव द्वारा दुश्यता में सुधार के लिए मानव रहित हवाई वाहन (यूली) का अनुप्रयोग' विषय पर केंद्रित है।

Abhishek Mishra
Published on: 6 Aug 2024 11:30 AM IST (Updated on: 6 Aug 2024 11:31 AM IST)
Lucknow News: घने कोहरे में हो सकेगा विमानों का सुचारू संचालन, पुनर्वास विवि करेगा शोध
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Lucknow News: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय एक शोध करने जा रहा है। जिससे अब घने और भारी कोहरे की वजह से विमानों की आवाजाही पर असर नहीं पड़ेगा। ड्रोन तकनीक के माध्यम से हवाई अड्डों का सुचारू संचालन सामान्य रूप से हो सकेगा। इसके लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूपीसीएसटी) ने विश्वविद्यालय के शिक्षक को शोध अनुदान दिया है। विमानों की आवाजाही प्रभावित न हो, शोध में इसके तरीके पता लगाए जाएंगे।

ड्रोन तकनीक से होगा सुचारू संचालन

पुनर्वास विवि में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दिनेश कुमार निषाद कोहरा निवारण के लिए ड्रोन तकनीक शोध परियोजना पर काम करेंगे। यह परियोजना कोहरे के फैलाव द्वारा दुश्यता में सुधार के लिए मानव रहित हवाई वाहन (यूली) का अनुप्रयोग' विषय पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य हवाई अड्डों पर कोहरे को हटाने की नवीन कन्नक विकसित करना है। शोध परियोजना के लिए यूपीसीएसटी ने दो वर्षों की अवधि के लिए 12.72 लख डॉ. दिनेश निषाद रुपये का अनुदान स्वीकृत किया है। इस तकनीक में ड्रोन का उपयोग किया जाएगा जो विमानों से पहले उड़कर कोहरे को छांटने का काम करेगा। यह तकनीक न केवल हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढाएगी, बल्कि विमानों के समय पर संचालन में भी मदद करेगी। विमानों की कोहरे में होती देरी से आम लोगों को राहत मिल सकेगी। समय पर हवाई जहाज उड़ान भर सकेंगे।

एएआई से मिलेगी मदद

डॉ. दिनेश का यह शोध भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और नागर विमानन अनुसंधान संगठन के सहयोग से पूरा होगा। इस नवाचार से देश में हवाई यातायात को सुरक्षा और दक्षता में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है। शोध में विनय कुमार सिंह, धर्मेद्र प्रकाश, सेकुत्ता खालिद शामिल होंगे। डॉ. निषाद के अनुसार, यह तकनीक कैट-3 प्रणाली से अलग है और इसमें कोहरे को पूरी तरह से हटाया जा सकेगा। इससे पायलटों को बेहतर दृश्यता मिलेगी और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।


Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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