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Lucknow News: लखनऊ में आज बड़ा जमावड़ा, अमित शाह और योगी देंगे सियासी संदेश, कुर्मी वोट बैंक पर निगाहें
Sonelal Patel Jayanti in Lucknow: अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती तो हर साल मनाई जाती रही है मगर अभी तक आयोजन में पार्टी के नेता ही हिस्सा लेते रहे हैं। यह पहला मौका है जब सोनेलाल पटेल की जयंती के कार्यक्रम में भाजपा और एनडीए में शामिल अन्य दलों के नेताओं का इतना भारी जमावड़ा लगने जा रहा है।
Sonelal Patel Jayanti in Lucknow: अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती पर आज राजधानी लखनऊ में बड़ा आयोजन होगा। अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल की ओर से इंदिरा गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में सियासी नेताओं का बड़ा जमावड़ा लगेगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हिस्सा लेंगे। देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों नेताओं के बड़ा सियासी संदेश देने की संभावना जताई जा रही है।
शाह और योगी के अलावा इस आयोजन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और दोनों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य भी हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले को भी बुलाया गया है। इस आयोजन के जरिए अनुप्रिया पटेल बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में जुटी हुई हैं। आयोजन में भाजपा नेताओं के बड़े जमावड़े का सियासी मतलब निकाला जा रहा है। माना जा रहा है कि इस आयोजन के जरिए कुर्मी वोट बैंक साधने की कोशिश की जाएगी।
शाह के अलावा कई अन्य दिग्गजों का जमावड़ा
अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती तो हर साल मनाई जाती रही है मगर अभी तक आयोजन में पार्टी के नेता ही हिस्सा लेते रहे हैं। यह पहला मौका है जब सोनेलाल पटेल की जयंती के कार्यक्रम में भाजपा और एनडीए में शामिल अन्य दलों के नेताओं का इतना भारी जमावड़ा लगने जा रहा है। जानकारों का मानना है कि इस आयोजन के जरिए अपना दल (एस) एनडीए में अपनी मजबूत पकड़ का संदेश देना चाहता है। यही कारण है कि अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल ने भाजपा के प्रमुख नेताओं के साथ ही अन्य दलों के नेताओं को भी इस आयोजन में आमंत्रित किया है।
अनुप्रिया पटेल ने गृह मंत्री अमित शाह को इस बड़े कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अति विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। राज्य के दोनों डिप्टी सीएम, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अलावा निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी आयोजन में शामिल होंगे। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अलावा आरपीआई नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले को भी कार्यक्रम में बुलाकर शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी है।
आयोजन के जरिए ताकत दिखाने की तैयारी
राजधानी लखनऊ में शनिवार को बारिश के बावजूद सोनेलाल पटेल जयंती कार्यक्रम की जोरदार तैयारियां चलती रहीं। आयोजन में भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए कार्यक्रम इंदिरा गांधी शांति प्रतिष्ठान के किसी हाल में नहीं बल्कि परिसर के मैदान में आयोजित होगा। अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री आशीष पटेल शनिवार को पूरे दिन आयोजन स्थल पर तैयारियों का जायजा लेते रहे। देर रात तक तैयारियों को अंतिम रूप देने का क्रम जारी रहा। इस कार्यक्रम को जन स्वाभिमान दिवस का नाम दिया गया है।
अनुप्रिया पटेल की बहन और विधायक पल्लवी पटेल की ओर से अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाने के कारण अनुप्रिया पटेल ने इस आयोजन को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। वे इस आयोजन के जरिए अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटी हुई हैं। इस कार्यक्रम में अपना दल (एस) के साथ ही भाजपा के भी कार्यकर्ताओं के बड़ी संख्या में हिस्सा लेने की संभावना है।
कुर्मी वोट बैंक पर एनडीए की निगाहें
गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से साफ है कि भाजपा की ओर से इस कार्यक्रम को काफी अहमियत दी जा रही है। दरअसल अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सबकी निगाहें प्रदेश के कुर्मी वोट बैंक पर लगी हुई हैं। प्रदेश में करीब 8 फ़ीसदी कुर्मी मतदाता हैं और यह वोट बैंक सभी राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम माना जाता रहा है।
प्रदेश की कई सीटों पर कुर्मी मतदाता प्रत्याशियों की हार-जीत का फैसला करते हैं। यही कारण है कि भाजपा की ओर से भी इस कार्यक्रम को काफी महत्व दिया जा रहा है। अपना दल (एस) के साथ गठबंधन करने के बाद भाजपा को इस वोट बैंक का बड़ा सियासी फायदा मिलता रहा है।
पिछले चुनाव में 41 कुर्मी विधायक जीते
उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कुर्मी समुदाय के सबसे ज्यादा 41 विधायक चुने गए थे। इनमें भाजपा गठबंधन से 27, सपा गठबंधन से 13 और कांग्रेस पार्टी से एक विधायक चुना गया था। संख्या के मामले में कुर्मी विधायकों ने यादव विधायकों को भी पीछे छोड़ दिया था। 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान 27 यादव विधायक चुने गए थे। इनमें से 24 सपा गठबंधन के और तीन भाजपा गठबंधन के हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा कई अन्य इलाकों में भी कुर्मी मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यही कारण है कि सोनेलाल पटेल की जयंती पर आज लखनऊ में बड़ा शक्ति प्रदर्शन करके एनडीए की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है।