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Lucknow News: बेड़ियों से बंधे पैरों के साथ अमेरिका से भारत आए प्रवासियों के मुद्दे पर भड़के लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र, PM मोदी के इस्तीफे की रखी मांग
Lucknow News: बेड़ियों से बंधे पैरों के साथ अमेरिका से भारत आए प्रवासियों का मुद्दे पर शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वविद्यालय के गेट संख्या-1 पर जोरदार प्रदर्शन किया।
Students of Lucknow University NSUI protested over issue migrants coming to India from America shackled feet
Lucknow News: बेड़ियों से बंधे पैरों के साथ अमेरिका से भारत आए प्रवासियों का मुद्दा लगातार गर्म होता जा रहा है। एक तरफ विपक्ष इस मुद्दे को तूल देता हुआ नजर आ रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ लोग इसे भारतीयों का अपमान मानकर PM मोदी और ट्रंप की दोस्ती पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इन सबके बीच शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वविद्यालय के गेट संख्या-1 पर जोरदार प्रदर्शन किया। आपको बताते चलें कि ये प्रदर्शन लखनऊ विश्वविद्यालय की NSUI विंग की ओर से किया गया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों की ओर से जमकर नारेबाजी भी की गई।
छात्रों ने PM मोदी के इस्तीफे की रखी मांग
शनिवार को NSUI के छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने छात्रों को समझाबुझा कर मौके से हटाने का प्रयास किया। मौके पर छात्रों ने नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के इस्तीफे की मांग की, जिसके बाद पुलिस की प्रदर्शन का NSUI के छात्रों के साथ धक्का मुक्की हुई। मामला बढ़ता देख पुलिस प्रदर्शन करने वाले छात्रों को मौके से गिरफ्तार कर ईको गार्डन ले गई। छात्रों का कहना था कि अमेरिका द्वारा भारतीयों को जिस तरह हाथ पैरों में बेड़ियां डालकर अपमानित करके भेजा गया, इस तरह पूरे भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ है।
'अमेरिका में रहने वाले भारतीय कोई युद्धबंदी नहीं': प्रदर्शनकारी छात्र
NSUI के इकाई उपाध्यक्ष हर्षित शुक्ला का कहना है कि अमेरिका से अवैध प्रवासियों को निकालने का मामला उनका निजी मामला है लेकिन भारतीयों के साथ इस तरह अमानवीय व्यवहार कतई सही नहीं है। वहां रहने वाले लोग कोई युद्धबंदी नहीं थे जो उन्हें हथकड़ियां और बेड़ियां पहना के लाया जाए। ये भारत के स्वाभिमान की बात है और प्रत्येक भारतीय अपने देश के नागरिकों के साथ हुए इस दुर्व्यवहार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत सरकार को चाहिए कि वो अमेरिकी सरकार से बात करके ये सुनिश्चित करे कि अभी जिन भारतीय नागरिकों को अमेरिका से भारत वापस भेजा जाना है उनके साथ ऐसा दुर्व्यवहार फिर से न हो।