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Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों का जबरदस्त प्रदर्शन, लविवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी, क्या है मांगे, जानें
Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारी छात्रों ने हमारा हक छीना गया तो खून बहाएंगे जैसे नारों के साथ प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्कॉलरशिप पर तुगलक के आदेश जारी कर छात्रों का शोषण कर रहा है।
Lucknow News - Tremendous demonstration by students in Lucknow University ( Pic- Social- Media)
Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में गुरूवार दोपहर से छात्रों का जोरदार प्रदर्शन जारी है। इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन को घेरकर धरना दिया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
छात्रों ने रजिस्ट्रार के पास ज्ञापन सौंपा
इस दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारी छात्रों ने हमारा हक छीना गया तो खून बहाएंगे जैसे नारों के साथ प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्कॉलरशिप पर तुगलक के आदेश जारी कर छात्रों का शोषण कर रहा है। नाराज छात्रों का कहना है कि प्रशासन की तानाशाही के खिलाफ उनकी आवाज उठाई जाएगी। वहीं प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी से जुड़े छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने लाल टोपी पहनकर धरना प्रदर्शन में भाग लिया। छात्रों ने लगभग एक घंटे तक प्रदर्शन किया, इसके बाद रजिस्ट्रार के पास ज्ञापन सौंपा और प्रशासन से पुराने आदेशों को वापस लेने की मांग की।
छात्रों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने अपनी प्रमुख मांगों का उल्लेख करते हुए कहा कि फार्म भरने के बावजूद छात्रों के रिनुवल और स्टेटस गलत दिखाए जा रहे हैं। आय प्रमाण पत्र, बोर्ड का रोल नंबर, और इनरोलमेंट जैसे मुद्दों पर भी छात्रों को परेशानी हो रही है। इसके अलावा छात्रों ने 75 प्रतिशत अटेंडेंस अनिवार्य करने को लेकर भी अपना विरोध जताया। उनका कहना है कि यह निर्णय छात्रों के हित में नहीं है और इसके खिलाफ छात्र विरोध करेंगे।
विश्वविद्यालय प्रशासन से मिला आश्वासन
वहीं प्रदर्शन के बाद रजिस्ट्रार ने छात्रों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि पुराने आदेशों को वापस लिया जाएगा और शासन से अनुमति लेकर स्कॉलरशिप की तारीख बढ़ाई जाएगी। इस प्रदर्शन ने विश्वविद्यालय प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या छात्रों की इन समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द नहीं किया गया तो यह आंदोलन और तेज हो सकता है।