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Lucknow News: छेड़छाड़ का विरोध करने पर स्टूडेंट्स का निलंबन, मोबाइल से फ्लैश लाइट जलाकर भूख हड़ताल पर बैठे BBAU छात्र

Lucknow BBAU News: भारी विरोध के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी और हॉस्टल मैट्रन को सस्पेंड किया

Hemendra Tripathi
Published on: 20 March 2025 10:12 AM IST (Updated on: 20 March 2025 10:42 AM IST)
BBAU News (Image From Social Media)
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BBAU News (Image From Social Media)

Lucknow News: लखनऊ के बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय यानी BBAU में बीते दिनों होस्टल की छात्रा से स्टाफ के द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। इस मामले में भारी विरोध के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी और हॉस्टल मैट्रन को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर भी निलंबन की कार्रवाई की गई। लिहाजा, अब इस कार्रवाई के विरोध में BBAU के छात्र बीते बुधवार देर रात भूख हड़ताल पर बैठ गए। छात्रों का कहना है कि जब तक निलंबन वापस नहीं लिया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

अंधेरे में बैठकर जलाई मोबाइल की फ्लैश लाइट, नारेबाजी कर किया विरोध

देर रात BBAU के छात्र भूख हड़ताल के लिए जिस स्थान पर बैठे वहां अंधेरा पसरा हुआ था। जिसके चलते छात्रों ने जमकर नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोला। मामला बिगड़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को बुलाया। छात्रों का कहना है कि छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी को बचाकर घटना का विरोध करने उतरे स्टूडेंट्स को ही दोषी ठहरा दिया गया है। इतना ही नहीं, प्रशासन ने छात्रों को बिना सूचित किए ही विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया।

छात्र बोले- 'आवाज नहीं उठा सकते तो क्यों पढ़ाते हैं डेमोक्रेसी'

भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों ने कहा कि विश्व विद्यालय में सभी महिला सम्मान की बातें कहते हैं, महिलाओं को सुरक्षा देने की बातें की जाती हैं, डेमोक्रेसी की बातें बताई जाती हैं, अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की बातें की जाती हैं लेकिन शायद यह सब लेक्चर तक ही सीमित है। क्योंकि यदि ये सब बातें लेक्चर नहीं होता तो महिला उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाले छात्रों पर कार्रवाई नहीं होती। छात्रों ने कहा कि अगर हम सभी महिला उत्पीड़न के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकते तो हमें डेमोक्रेसी के बारे में क्यों पढ़ाया जाता है।

सच्चाई को दबाने के लिए स्टूडेंट्स को परेशान कर रहा यूनिवर्सिटी प्रशासन

छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि छात्रा के उत्पीडन मामले में विरोध पर उतरे छात्रों में मास्टर्स के भी छात्र थे। अब मास्टर्स के छात्रों के एग्जाम आने वाले हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन स्टूडेंट के साथ दमनकारी नीति अपनाते हुए उनकी आवाज और सच्चाई को दबाने के लिए परेशान कर रहा है। हड़ताल कर रहे छात्रों ने कहा कि जब तक सभी छात्रों का निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।

घटना के विरोध में उतरे 10 स्टूडेंट्स के खिलाफ हुई थी निलंबन की कार्रवाई

आपको बताते चलें कि संघमित्रा छात्रावास की छात्रा के साथ स्टाफ की ओर से छेड़छाड़ व बैड टच का मामला सामने आया था। जिसके बाद छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उस समय विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मुख्य आरोपी और हॉस्टल मैट्रन को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं, बाद में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए 10 छात्रों के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई कर दी गई। बताया जाता है कि निलंबन की जानकारी मिलते ही छात्र आक्रोशित हो गए। बुधवार दिन भर विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबन वापस लेने का आश्वासन दिया लेकिन लंबे समय तक जब निलंबन वापस लेने से जुड़ा कोई आदेश नहीं आया, तो छात्र भड़क उठे और देर रात ही BBAU के जंगली क्षेत्र में भूख हड़ताल पर बैठ गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी छात्रों को भूख हड़ताल से रोकने का प्रयास किया तो सभी नजदीक ही पार्क में जाकर भूख हड़ताल पर बैठ गए।

Ramkrishna Vajpei

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