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Lucknow University: महिला अध्ययन में छात्र कर सकेंगे पीएचडी, सात साल बाद शुरु होगा पाठ्यक्रम

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र एक बार फिर से महिला अध्ययन में पीएचडी कर सकेंगे। एलयू ने इस सत्र से महिला अध्ययन को पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। महिला अध्ययन में परास्नातक पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय में लगभग सात वर्षों के बाद शुरु होने जा रहा है।

Abhishek Mishra
Published on: 9 Feb 2024 4:56 PM GMT
Students will be able to do PhD in Womens Studies, course will start after seven years
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महिला अध्ययन में छात्र कर सकेंगे पीएचडी, सात साल बाद शुरु होगा पाठ्यक्रम: Photo- Social Media

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र एक बार फिर से महिला अध्ययन में पीएचडी कर सकेंगे। एलयू ने इस सत्र से महिला अध्ययन को पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। महिला अध्ययन में परास्नातक पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय में लगभग सात वर्षों के बाद शुरु होने जा रहा है।

सात वर्षों बाद लौटी पुरानी रंगत

छात्रों की रुचि कम होने के कारण महिला अध्ययन में कई कोर्स बंद कर दिए गए थे। बीते सात वर्षों से महिला अध्ययन में एमए पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं लिए गए थे। इसी तरह वर्ष 2020 से पीजी डिप्लोमा इन गर्भ संस्कार में दाखिले नहीं हुए। लेकिन इस सत्र से यह पाठ्यक्रम दोबारा शुरू हो सके। एलयू में महिला अध्ययन संस्थान की स्थापना 1997 में हुई थी।

वापस लौटी संस्थान की रंगत

लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थापित महिला अध्ययन संस्थान में पुरानी रंगत वापस लौट आई है। इस सत्र से सात वर्षों बाद महिला अध्ययन में परास्नातक पाठ्यक्रम शुरू हुआ है। पीजी डिप्लोमा इन गर्भ संस्कार की पढ़ाई भी शुरु कर दी गयी है। वहीं अब महिला अध्ययन संस्थान की समन्वयक डॉ. मानिनी श्रीवास्तव ने पीएचडी प्रोग्राम भी दोबारा शुरू करने की तैयारी कर ली है। डॉ. मानिनी का कहना है कि डीआरसी में देरी की वजह से सत्र 2023-24 के लिए जारी हुई नोटिस में विषय का नाम नहीं शामिल हो सका था। हालांकि अब प्रवेश प्रकोष्ठ को पत्र भेज दिया गया है। जल्द ही वेबसाइट पर अपडेट हो जाएगा। डॉ. मानिनी श्रीवास्तव ने बताया कि इस सत्र में तीन सीटों पर एडमिशन लिए जाएंगे।

गर्भ संस्कार पर फैलाई जागरूकता

वर्षों से बंद पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए महिला अध्ययन संस्थान की ओर से कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें कॉलेजों और सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। लोगों को गर्भ संस्कार और महिला अध्ययन में बेहतर करियर विकल्प और इस पाठ्यक्रम से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया।

Shashi kant gautam

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