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Lucknow University: सावरकर और ज्योतिबा फुले का चिंतन पढ़ेंगे छात्र, राजनीति विज्ञान के पेपर में किया जाएगा शामिल

प्रो. मनुका खन्ना के मुताबिक वीर सावारकर का राजनीतिक दर्शन राष्ट्रवाद की विचारधारा को प्रेरणा देता है। इनके विचारों के अध्ययन से विद्यार्थियों की समझ और बेहतर होगी। इसी तरह से महिलाओं की शिक्षा को लेकर ज्योतिबा फुले ने काफी संघर्ष किया है। आज उनके संघर्ष के प्रयासों और परिश्रम से ही महिलाएं सभी क्षेत्रों में आगे हैं।

Abhishek Mishra
Published on: 29 March 2024 11:00 AM IST
Lucknow University: सावरकर और ज्योतिबा फुले का चिंतन पढ़ेंगे छात्र, राजनीति विज्ञान के पेपर में किया जाएगा शामिल
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Lucknow University: राजनीति विज्ञान विभाग के पाठ्यक्रम में दो महापुरुषों की विचारधारा के बारे में पढ़ाया जाएगा। अब लखनऊ विश्वविद्यालय में विद्यार्थी ज्योतिबाफुले और स्वातंत्र्यवीर सावरकर का राजनीतिक दर्शन पढ़ सकेंगे। दोनों महापुरुषों के चिंतन के पाठ इस पाठ्यक्रम में जोड़े जाएंगे। एलयू के बोर्ड ऑफ स्टडीज में इसे पास कर दिया गया है। इसे आगामी बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

सावरकर, ज्योतिबाफुले के दर्शन को पढ़ेंगे छात्र

एलयू के राजनीति विज्ञान विभाग में छात्र छात्राओं को अब दो महापुरुषों के चिंतन और विचारधारा के बारे पढ़ने का अवसर मिलेगा। स्वतंत्र वीर सावरकर और ज्योतिबाफुले की राजनीतिक यात्रा के बारे विद्यार्थी जान सकेंगे। इस बोर्ड ऑफ स्टडीज में पास कर दिया गया है। अब 11 अप्रैल को होने वाली फैकल्टी बोर्ड की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद यह पाठ विभाग के पाठ्यक्रम में जोड़े जाएंगे। बैठक में इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद की जा रही है।

इंडियन पॉलिटिकल थाट्स पेपर में जोड़ा जाएगा

राजनीति विज्ञान विभाग के छठे सेमेस्टर के इंडियन पॉलिटिकल थाट्स पेपर में इन दोनों महापुरुषों के राजनीतिक दर्शन को जोड़ा जाएगा। इस पेपर में विद्यार्थी सावरकर और ज्योतिबाफुले के बारे में पढ़ेंगे। इंडियन पॉलिटिकल थाट्स पेपर में अभी छात्र छात्राएं महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरु, जय प्रकाश नारायण, मनु, कौटिल्य जैसे महापुरुषों के राजनीतिक दर्शन के बारे में पढ़ रहे हैं।

महापुरुषों के राजनीतिक दर्शन को पढ़ेंगे छात्र

राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. मनुका खन्ना के मुताबिक वीर सावारकर का राजनीतिक दर्शन राष्ट्रवाद की विचारधारा को प्रेरणा देता है। इनके विचारों के अध्ययन से विद्यार्थियों की समझ और बेहतर होगी। इसी तरह से महिलाओं की शिक्षा को लेकर ज्योतिबा फुले ने काफी संघर्ष किया है। आज उनके संघर्ष के प्रयासों और परिश्रम से ही महिलाएं सभी क्षेत्रों में आगे हैं।



Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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