Central Sanskrit University: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में शुरु होगी आयुर्वेदिक चिकित्सा की पढ़ाई, सात साल का होगा कोर्स

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि संस्कृत में आयुर्वेद के ग्रंथ हैं, इसके बावजूद संस्कृत गुरुकुलों के छात्र बीएएमएस कोर्स में बहुत कम संख्या में दाखिला प्राप्त कर पाते हैं। इस नए कोर्स के माध्यम से संस्कृत गुरुकुलों के छात्र भौतिकी, रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान, गणित जैसे विज्ञान के मूल विषयों के साथ ही अंग्रेजी का ज्ञान भी प्राप्त करेंगे।

Abhishek Mishra
Published on: 24 Feb 2024 6:15 AM GMT
Central Sanskrit University: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में शुरु होगी आयुर्वेदिक चिकित्सा की पढ़ाई, सात साल का होगा कोर्स
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Central Sanskrit University: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में अब आयुर्वेदिक चिकित्सा की पढ़ाई शुरु होने जा रही है। विश्वविद्यालय में पढ़ रहे संस्कृत के परंपरागत विद्यार्थियों के लिए सात साल का आयुर्वेदिक चिकित्सा का कोर्स शुरू हो सकेगा। नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम्स ऑफ मेडिसिन ने इस संबंध में अपने एक्ट के अनुच्छेद 14 के अंतर्गत यह फैसला लिया है।

विज्ञान के मूल विषयों का मिलेगा ज्ञान

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रशासन का कहना है कि संस्कृत भाषा में आयुर्वेद के ग्रंथ हैं, इसके बावजूद संस्कृत गुरुकुलों के छात्र बीएएमएस कोर्स में बहुत कम संख्या में दाखिला प्राप्त कर पाते हैं। इस नए कोर्स के माध्यम से संस्कृत गुरुकुलों के छात्र भौतिकी, रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान, गणित जैसे विज्ञान के मूल विषयों के साथ ही अंग्रेजी का ज्ञान भी प्राप्त करेंगे।

सात साल का होगा नया कोर्स

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में अब दसवीं कक्षा के बाद संस्कृत के विद्यार्थी प्री आयुर्वेद कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। संस्कृत विश्वविद्यालय उन विद्यार्थियों को बीएएमएस की डिग्री पूरी करने के तौर पर तैयार करेगा। यह कोर्स सात सालों का तय किया गया है। जिससे संस्कृत के विद्यार्थी कई विषयों के बारे में सीख सकेंगे।

नीट के जरिए होगा कोर्स में प्रवेश

संस्कृत गुरुकुल के इन छात्रों का संस्कृत में ज्ञान आयुर्वेदिक ज्ञान को आत्मसात करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस सात वर्षीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश नीट के माध्यम से किया जाएगा। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बीएएमएस पाठ्यक्रम और आयुर्वेदिक शिक्षा के परिदृश्य को आने वाले समय में पूरी तरह से रूपांतरित कर सकता है। ऐसे कोर्स को शुरु करने का यह फैसला नई शिक्षा नीति एनईपी 2020 और भारतीय ज्ञान परंपरा की नजर में बहुत ही अहम साबित हो सकता है।

Abhishek Mishra

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Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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