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UPSC Results: कड़े संघर्ष से लिखी सफलता की कहानी, यूपीएससी में लखनऊ का डंका
UPSC Results: सिविल सेवा परीक्षा में लखनऊ से सफल हुए कुछ अभ्यर्थियों से 'न्यूज़ट्रैक' ने खास बातचीत की। इस दौरान चयनितों ने अपने संघर्ष की कहानी बयां की।
UPSC Results: भारत की सबसे कठिन परीक्षा कही जाने वाली सिविल सेवा के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। इन परिणामों से किसी के चेहरे खिल उठे तो किसी के चेहरों पर मायूसी छा गई। जिंदगी में सफलता-असफलता एक धागे के दो छोर हैं। जो असफलता से सीखता है उसी का डंका बजता है। लोग उसकी प्रशंसा करते हैं। ऐसी ही बानगी 2023 के सिविल सेवा परीक्षा परिणामों में देखने को मिली। जहां पर लखनऊ के कई बार असफल हुए अभ्यर्थी इस बार सफलता का मीठा स्वाद चखा। उनके घरों-मोहल्लों में खुशियों का माहौल है। क्षेत्र का लड़का अब आईएएस कहलाएगा। इसलिए उसका स्वागत कर रहे हैं, बधाई दे रहे हैं और एक दूसरे के बीच उसके संघर्ष की कहानी बयां कर रहे हैं।
सिविल सेवा परीक्षा में लखनऊ से सफल हुए कुछ अभ्यर्थियों से 'न्यूज़ट्रैक' ने खास बातचीत की। इस दौरान चयनितों ने अपने संघर्ष की कहानी बयां की।
ऐश्वर्यम को मिली 10वीं रैंक
लखनऊ के जानकीपुरम क्षेत्र की ऐश्वर्यम प्रजापति ने परीक्षा में दसवां स्थान हासिल किया है। वह मूल रुप से महाराजगंज की रहने वाली हैं। उनके पिता राम कोमल प्रसाद आईसीएमआरटी में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। माता उर्मिला प्रजापति गृहणी हैं।
दूसरे प्रयास में हुई सफल
ऐश्वर्यम ने बताया कि उन्होंने सेक्टर 18 स्थित आरएलबी कॉलेज से इंटर की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद एनआईटी से इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रोनिक्स में बीटेक में ग्रेजुएट हुई। यूपीएससी के विषय पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनका दूसरा अटेंम्ट था। सोशियोलॉजी को ऑप्शनल विषय के रुप में चुना था। पहला प्रयास 2022 में दिया लेकिन प्रीलिम्स नहीं निकल सका।
डीएम से बने एसडीएम
अंशुल हिंदल अभी आगरा जिले में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। वह मूल रूप से मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। उन्होंने चौथे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है। पिता हरपाल सिंह एलआईली से रिटायर्ड हैं। परिणाम में 48वां स्थान प्राप्त करने वाले अंशुल ने बताया कि उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है। शहर के अलीगंज क्षेत्र में रहकर उन्होंने परीक्षा की तैयारी की थी। सोशलॉजी को ऑप्शनल विषय के रुप में चुना था।
अमितेज ने पास की परीक्षा
गोमतीनगर के विवेकखंड निवासी अमितेज पांग्ते को इस परीक्षा में 212वीं रैंक मिली है। अमितेज ने विनीत खंड के सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल से इंटर की पढ़ाई पूरी की है। वह आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। पिता टीबीएस पांग्ती आर्मी के रिटायर्ड कर्नल हैं। माता मीता साह केकेसी कॉलेज की पूर्व प्राचार्या रही हैं। अमितेज ने बताया कि यह उनका चौथा प्रयास था। समाजशास्त्र को ऑप्शनल विषय के रुप में चुना था।
अनुशासन व लगन से हासिल किया मुकाम
आदित्य हृदय उपाध्याय ने इस परीक्षा में 416वीं रैंक हासिल की है। वह आशियाना के रहने वाले हैं। आदित्य ने बताया कि सेक्टर आई आशियाना स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल से इंटर किया है। 2022 में पहली बार परीक्षा दी। 2023 में दूसरा अटेंम्ट दिया जिसमें सफलता मिली। आईआईटी रुड़की से सिविल इंजीनियिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। गणित को ऑप्शनल विषय के रुप में चुना। आठ नौ घंटे पढ़ाई करना जरुरी है। परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए अनुशासन और लगन काफी अहम हैं। उन्होंने कहा कि आईएएस बनना चाहता हूं। इसके लिए फिर से परीक्षा दूंगा। पिता सुर्य प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि आदित्य ने आईआईटी टॉप किया था। उसे सात मेडल मिले थे।