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Lucknow News: भगवान भक्त के वश में होते हैं, राघवाचार्य बोले देवर्षि नारद जिसे मिले, उसको भगवान जरूर मिले

Lucknow News: राजधानी लखनऊ के मोती महल लॉन में चल रही श्रीराम कथा के प्रथम दिवस अयोध्या धाम से आए प्रख्यात कथा मर्मज्ञ स्वामिश्री राघवाचार्य जी महाराज ने कही। वह श्रीराम कथा समिति लखनऊ द्वारा आयोजित सात दिवसीय कथा महोत्सव में हजारों की संख्या में उपस्थित नर-नारियों को संबोधित कर रहे थे।

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Newstrack Network
Published on: 26 Dec 2024 8:16 PM IST
Lucknow News: भगवान भक्त के वश में होते हैं, राघवाचार्य बोले देवर्षि नारद जिसे मिले, उसको भगवान जरूर मिले
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 भगवान भक्त के वश में होते हैं, राघवाचार्य बोले देवर्षि नारद जिसे मिले, उसको भगवान जरूर मिले (newstrack)

Sriram Kath Lucknow: भक्त और भगवान का सम्बन्ध बड़ा अद्भुत है। भगवान भक्त के वश में होते हैं। भक्त की भक्ति जब पराकाष्ठा को पार कर लेती है, तब परमेश्वर उसकी हर इच्छा को पूरा करने के लिए तत्पर होते हैं। ऐसी अवस्था में भक्त की इच्छाएं तनिक भी भौतिक और वैयक्तिक नहीं रह जाती, उसकी हर मांग सार्वभौमिक हितों के लिए समर्पित होती है।

यह बात आज राजधानी लखनऊ के मोती महल लॉन में चल रही श्रीराम कथा के प्रथम दिवस अयोध्या धाम से आए प्रख्यात कथा मर्मज्ञ स्वामिश्री राघवाचार्य जी महाराज ने कही। वह श्रीराम कथा समिति लखनऊ द्वारा आयोजित सात दिवसीय कथा महोत्सव में हजारों की संख्या में उपस्थित नर-नारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राम कथा में नारद की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देवर्षि नारद जिसे मिल जाते हैं, उसको भगवान जरूर मिलते हैं। भारतीय संस्कृति की दान परंपरा की महत्ता पर उन्होंने प्रकाश डाला और कहा कि कथा के आयोजक की उपमा महादानी व्यक्ति के रूप में की गई है। जो आयोजक कथा कराता है वह उच्च स्तर का कथा का दान है, क्योंकि उसके माध्यम से हजारों ही नहीं लाखों व्यक्ति लाभान्वित होते हैं।

स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने वेदों का माहात्म्य भी कथा जिज्ञासुओं को बताया और कहा कि वेदों का पाठन गुरमुख से करने का विधान है। पुराण, रामायण, रामचरितमानस, श्रीमद्भगवतगीता वेदों का ही विस्तार हैं। इन आर्ष ग्रंथों का पठन-पाठन सभी को करना चाहिए। उन्होंने ज्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और भगवती सीता के यशस्वी पुत्रों कुश और लव का जीवन वृतांत भी सुनाया और कहा कि कुश और लव ने श्रीराम जी को सीताजी का महान चरित्र पद्य शैली में सुनाया था। वह सीता कथा इतिहास में अमर हो गई। कथा व्यास राघवाचार्य जी महाराज ने कहा कि विदेह जनक के कुल में उत्पन्न नारियों में सीताजी का चरित्र सर्वश्रेष्ठ है और रामायण ग्रंथ उसका प्रत्यक्ष प्रतिपादन है।

कथा संयोजक संजीव पाण्डेय व डॉक्टर सप्तर्षि मिश्र ने बताया कि कथा श्रवण के लिए हजारों की संख्या में नर-नारी मोती महल लॉन में पहुंच रहे हैं। कल अपराह्न 3:00 बजे से कथा का श्रीगणेश होगा। आज के कथा समारोह के यजमान समाजसेवी अजय बाजपेयी, पूर्व सांसद प्रियंका रावत,पूर्व मंत्री डॉ अशोक बाजपेई,शिव कुमार सिंह, सतीश अवस्थी, सुनील मिश्र , मनोज राय, मनोज त्रिपाठी डीजीसी क्रिमिनल,राजेश शर्मा,अखिलेश जायसवाल, जीतू यादव, कुलदीप नारायण मिश्र , अन्नू मिश्र पार्षद आदि उपस्थित रहे।



Ragini Sinha

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