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Swine Flu: UP में बढ़े स्वाइन फ्लू के मरीज, लखनऊ में मिले 83 केस, जानें लक्षण और कारण
Swine Flu: विभागीय रिपोर्ट के अनुसार 15 अगस्त तक राज्य में स्वाइन फ्लू के 135 मरीज मिले थे। वहीं 31 अगस्त तक मरीजों की संख्या बढ़कर 150 हो गयी थी।
Swine Flu: प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मामलों में बढ़ोत्तरी हो गयी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखते ही तत्काल जांच करायें। बीते माह 31 अगस्त तक यूपी में स्वाइन फ्लू के कुल 150 मरीज मिल चुके हैं। वहीं तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। विदेशों से आने वाले यात्रियों से भी स्वाइन फ्लू के खतरा अधिक रहता है। तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव होने के चलते स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ जाता है। वहीं इस साल स्वाइन फ्लू के मरीजों के लगातार मिलने से स्वास्थ्य विभाग का निगरानी तंत्र सजग हो गया है।
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार 15 अगस्त तक राज्य में स्वाइन फ्लू के 135 मरीज मिले थे। वहीं 31 अगस्त तक मरीजों की संख्या बढ़कर 150 हो गयी थी। इसमें स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मरीज राजधानी लखनऊ में मिले। वहीं मेरठ में 23, हापुड़ में सात और अन्य जनपदों में एक से चार मरीज मिले। चिकित्सकों के मुताबिक स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। प्रदेष में स्वाइन फ्लू के इलाज की पुख्ता व्यवस्था है। इसलिए खांसी, बुखार, गले में खरास और शरीर में तेज दर्ज होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेकर जांच कराएं।
स्वाइन फ्लू फैलने के कारण
स्वाइन फ्लू (एच1एन1) नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं। यह वायरस हवा के माध्यम से फैलता है। जब इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति खांसता, छींकता या बात करता है। जब यह वायरस सांस के साथ दूसरे व्यक्ति के अंदर प्रवेश कर लेता है। यह वायरस शरीर में तब भी प्रवेश कर सकता है जब व्यक्ति किसी दूषित सतह को छूते हैं और फिर अपनी आँखें, नाक या मुँह को छू लेते हैं। सूअर का मांस खाने से स्वाइन फ्लू नहीं होता। वायरस से संक्रमित व्यक्ति लक्षण दिखने से एक दिन पहले से लेकर चार दिन बाद तक वायरस को फैलाने में सक्षम हो सकते हैं। बच्चे और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग वायरस को फैलाने में ज्यादा दिनों तक सक्षम हो सकते हैं।