Lucknow University: दुनिया के शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों में पांच शिक्षकों का नाम, प्रो. अमृतांशु ने लगातार पांचवी बार बनाई जगह

Lucknow University: प्रो. अमृतांशु शुक्ला ने सैद्धांतिक परमाणु भौतिकी और तापीय ऊर्जा भंडारण पर किए गए शोध कार्य के कारण सुर्खियों में हैं। उनके अभी तक 200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।

Abhishek Mishra
Published on: 17 Sep 2024 2:00 PM GMT
Lucknow University: दुनिया के शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों में पांच शिक्षकों का नाम, प्रो. अमृतांशु ने लगातार पांचवी बार बनाई जगह
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Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के पांच शिक्षकों को विश्व डेटाबेस में शीर्ष दो प्रतिशत वैश्विक वैज्ञानिकों में शामिल किया गया है। इस सूची को संयुक्त राज्य अमेरिका की स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया है। स्टैनफोर्ड की सूची में भौतिकी विभाग से प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ला, डॉ. सीआर गौतम, डॉ. रोली वर्मा हैं। जबकि रसायन विज्ञान विभाग से प्रोफेसर अभिनव कुमार और डॉ. विनोद कुमार वशिष्ठ को जगह मिली है।

इन शिक्षकों को मिली जगह

एलयू प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ला ने लगातार पांचवी बार विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में स्थान हासिल किया है। इसी तरह प्रोफेसर अभिनव कुमार चौथी बार और डॉ. रोली वर्मा ने तीसरी बार अपना नाम दर्ज कराया है।

ऊर्जा भंडारण पर प्रो. अमृतांशु ने किए शोध

प्रो. अमृतांशु शुक्ला ने सैद्धांतिक परमाणु भौतिकी और तापीय ऊर्जा भंडारण पर किए गए शोध कार्य के कारण सुर्खियों में हैं। उनके अभी तक 200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। जिनमें लगभग 75 अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में शामिल हैं। प्रोफेसर शुक्ला ने 10 पुस्तकें भी लिखी हैं जो प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों ने प्रकाशित की हैं। डॉ. सीआर गौतम सिरेमिक सामग्री के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने दंत चिकित्सा और अस्थि प्रत्यारोपण सहित जैविक अनुप्रयोगों के लिए सफलतापूर्वक नवीन सामग्री विकसित की है। जबकि डॉ. रोली वर्मा ने प्लास्मोनिक और फोटोनिक नैनोस्ट्रक्चर और फिल्मों पर आधारित ऑप्टिकल सेंसर पर काम किया जिसने उन्हें शीर्ष पर पहुंचाया। उनके शोध कार्य का उद्देश्य पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाना रहा है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बधाई दी।

प्रोफेसर अभिनव ने किए यह कार्य

प्रोफेसर अभिनव कुमार का काम संक्रमणकालीन धातुओं, पॉलिमर (सीपी), धातु-कार्बनिक संरचनाओं (एमओएफ) और डाई-सेंसिटाइज्ड सौर कोशिकाओं के क्षेत्र में रहा है। इसी तरह शोध पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में कई उपयोग हैं, जिसमें दवा निर्माण और ऊर्जा क्षेत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

पर्यावरण विज्ञान के विशेषज्ञ हैं डॉ. वशिष्ठ

रसायन विज्ञान से डॉ. विनोद कुमार वशिष्ठ पृथक्करण विज्ञान, मैक्रोसाइक्लिक कॉम्प्लेक्स, चिरल पृथक्करण, बायोएनालिटिकल रसायन विज्ञान के क्षेत्र में सक्रिय शोधकर्ता हैं जिनका पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में विशेष अनुप्रयोग है।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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