TRENDING TAGS :
Lucknow News: 6800 शिक्षक अभ्यर्थी ने मुख्यमंत्री आवास का किया घेराव, 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले का मामले
Lucknow News: 577 दिनों से शिक्षक अभ्यर्थी लगातार धरना दे रहे हैं शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग है कि 69 000 शिक्षक भारती में 6800 ओबीसी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें भर्ती नहीं दी गई ।
Lucknow News: राजधानी लखनऊ की सर्द सुबह आज थोड़ी गरम नजर आई यह पहली बार नहीं था कि 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में 6800 शिक्षक अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे जहां उनके साथ बर्बरता हुई.
बताते चलें 577 दिनों से शिक्षक अभ्यर्थी लगातार धरना दे रहे हैं शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग है कि 69 000 शिक्षक भारती में 6800 ओबीसी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें भर्ती नहीं दी गई जिसे लेकर अभ्यर्थी सरकार का लगातार घेराव कर रहे हैं ऐसा नहीं है कि यह पहली बार मामला हुआ है कि शिक्षक अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास का घिराव करने पहुंचे बीते 577 दिनों से शिक्षक अभ्यर्थी कई बार विधानसभा, मुख्यमंत्री आवास और अन्य मंत्रियों के आवास का घेराव करने पहुंचे हैं. प्रदेश भर से इकट्ठा हुए शिक्षक अभ्यर्थी राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वह लगातार प्रदर्शन जारी रखेंगे.
शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों के साथ हो रहे अन्याय की आवाज विधानसभा तक भी गूँजी है समाजवादी पार्टी हो या अन्य विपक्षी पार्टियों सभी इन शिक्षक अभ्यार्थियों के बहाने सरकार का घेराव करती रही हैं. वही आज मुख्यमंत्री आवास का घिराव करने पहुंचे शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ पुलिस की नोक झोंक हुई इसके बाद उन्हें वापस इको गार्डन में लाकर छोड़ दिया गया.
शिक्षक अभ्यर्थी लगातार मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक उनकी बात नहीं हो पाई है बहरहाल आज पांच अभ्यर्थियों का डेलिगेशन मुख्यमंत्री से मिलने के लिए भी गया है. जहां बीते 577 दिनों में अब तक मुख्यमंत्री से उनकी सीधी बात नहीं हो पाई और लगातार प्रयास रत रहे वहीं आज इस डेलिगेशन की मुलाकात हो पाती है या नहीं यह भी कह नहीं सकते लेकिन शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वह इसी तरह लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे. शिक्षक अभ्यर्थी धरने के साथ-साथ अब 20 दिनों से भूख हड़ताल भी कर रहे हैं ऐसे में देखने वाली बात होगी कि आखिर कब सरकार इनकी मांग सुनती है और उसे पूरा करती है.