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Lucknow University: संशोधित पीएचडी अध्यादेश में सुपरन्युमेरिक सीट की व्यवस्था नहीं, लुआक्टा ने उठाई मांग

Lucknow University: लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय के अनुसार शिक्षकों की पीएचडी उनके प्रमोशन से जुड़ी है। सरकार की ओर से शिक्षकों को सुपरन्युमेरिक सीट दी गई हैं। कुलाधिपति ने इसे स्वीकृत किया था। इसके बावजूद पीएचडी अध्यादेश-2023 के संशोधन में इसे शामिल नहीं किया गया है।

Abhishek Mishra
Published on: 8 Jun 2024 5:00 PM IST
Lucknow University: संशोधित पीएचडी अध्यादेश में सुपरन्युमेरिक सीट की व्यवस्था नहीं, लुआक्टा ने उठाई मांग
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Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों के लिए सुपरन्युमेरिक सीट की व्यवस्था नहीं हुई है। जिसके चलते पीएचडी करने के इच्छुक शिक्षकों को समस्या हो रही है। बता दें कि शिक्षक संघ की ओर से इस संबंध में दो बार ज्ञापन दिया गया है। इसके बावजूद कोई फैसला नहीं लिया गया।

सुपरन्युमेरिक पीएचडी सीट की व्यवस्था नहीं

एलयू में दो माह बीत जाने के बाद भी पीएचडी सुपरन्युमेरिक सीट नहीं जोड़ी जा सकी हैं। जानकारी के मुताबिक संशोधित पीएचडी अध्यादेश में शिक्षकों के लिए 10 प्रतिशत सुपरन्युमेरिक पीएचडी सीट की व्यवस्था नहीं है। जिसे वापस जोड़ने की मांग शिक्षक संघ की ओर से बीते दो महीने से उठाई जा रही है। इसके लिए शिक्षक संघ की ओर से मांग की जा रही है। एलयू में संशोधित पीएचडी अध्यादेश के तहत सत्र 2023-24 पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है।

कुलपति को अध्यादेश में बदलाव करने का अधिकार

लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय के अनुसार शिक्षकों की पीएचडी उनके प्रमोशन से जुड़ी है। सरकार की ओर से शिक्षकों को सुपरन्युमेरिक सीट दी गई हैं। कुलाधिपति ने इसे स्वीकृत किया था। इसके बावजूद पीएचडी अध्यादेश-2023 के संशोधन में इसे शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 15.7 के तहत कुलपति को अधिकार प्राप्त है कि वह बिना राजभवन की मंजूरी के अध्यादेश में बदलाव कर सकते हैं। छह जून को कुलपति को पत्र भेजा गया है। पहले भी तीन अप्रैल को ज्ञापन दिया गया। फिर भी कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।

संशोधित अध्यादेश में नहीं है प्रावधान

पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया के तहत रेगुलर पीएचडी के लिए विज्ञापित सीटों प्रवेश ले लिए गए हैं। वहीं पार्ट टाइम पीएचडी की सीटों के लिए प्रवेश की प्रक्रिया अभी जारी है। पीएचडी करने की चाहत रखने वाले शिक्षकों के लिए 10 फीसदी सुपरन्युमेरिक सीट की व्यवस्था नहीं थी। क्योंकि संशोधित पीएचडी अध्यादेश-2023 में सुपरन्युमेरिक सीट का प्रावधान नहीं रखा गया था। लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) ने सीटों की मांग करते hue कुलपति को पहले ज्ञापन सौंपा था। बता दें कि शिक्षक संघ ने छह जनवरी 2022 के शासनादेश का हवाला देते हुए 10 प्रतिशत सुपरन्युमेरिक सीट को जोड़ने की मांग उठाई थी।

पत्र पर होगी नियामुनार कार्यवाई

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव के अनुसार लुआक्टा के पत्र पर विवि स्तर पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।





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Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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