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Lucknow Crime: बाघ की दहशत से ख़ौफ़जदा 20 से अधिक गांवों के लोग, वन विभाग के हाथ अब भी खाली, खुला घूम रहा बाघ
Lucknow Crime: केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा के खेतों में सबसे पहले बाघ के पग चिन्ह देखे गए थे। इसके बाद मजदूरों ने अधिकारियों से बताया और वन विभाग को सूचना दी गई।
Lucknow Crime: राजधानी लखनऊ के मॉल और मलिहाबाद ब्लॉक के कई गाँवों में बाघ दहशत का पर्याय बन चुका है। आसपास के इलाकों में बाघ की वजह से लोगों ने अन्धेरा होने के बाद घर से निकलना तक छोड़ दिया है। किसान खेत पर जाने से डरने लगे हैं तो मजदूर अपने काम पर जाने में भी सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं। वह अन्धेरा होने से पहले ही अपने घरों को लौटने की कोशिश करते हैं। इधर वन विभाग कभी पिंजड़ा लगाकर तो कभी मचान बनाकर सिर्फ बाघ की निगरानी ही करने में लगा है। तीन सप्ताह से अधिक का समय होने के बावजूद वन विभाग अभी तक बाघ के करीब भी नहीं पहुंचा है। बाघ को कैद करने के सारे दावे सिर्फ सफ़ेद हाथी साबित हो रहे हैं।
दो नीलगाय और एक पड़वे का शिकार कर चुका बाघ
दिसंबर के पहले सप्ताह में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा के खेतों में सबसे पहले बाघ के पग चिन्ह देखे गए थे। इसके बाद मजदूरों ने अधिकारियों से बताया और वन विभाग को सूचना दी गई। शुरुआती दौर में वन विभाग ने इलाके में बाघ होने की पुष्टि ही नहीं की। इसके बाद जब पुष्टि की तो टीमों को डिप्लॉय किया गया। बाघ की फुटेज कैद करने के लिए निगरानी टीम बनाई गई और कई जगहों पर ट्रैप कैमरे लगाए गए। इन कैमरों में भी बाघ की तस्वीरें कैद हुई। कई ग्रामीणों ने भी बाघ की आवाज सुनी और उसे जंगल में विचरण करते देखा। वन्य अधिकारियों को भी सूचना दी गई। बाघ अभी तक दो नीलगायों और एक पड़वे का भी शिकार किया है।
मचान के पास से ले गया पड़वा, निशाना नहीं लगा पाए अफसर
वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए एक मचान बनाया था। इसके पास में पड़वे को बांधा गया था। मंशा थी कि जब पड़वे की आवाज सुनकर बाघ मौके पर आएगा तो वन विभाग उसे ट्रैंकुलाइज़ कर पकड़ लेगा। हालाँकि, बाघ आया और उसने पिंजड़े के पास से पड़वे का शिकार भी किया वन कर्मियों ने भी इसे देखा। लेकिन डर के मारे अफसर ट्रैंकुलाइज़ करने के लिए निशाना भी नहीं लगा पाए। टीम की नजरों के सामने से ही बाघ पड़वे को लेकर चला गया। DFO सितांशु पांडेय ने कहा कि कानपुर प्राणी उद्यान के डॉ. नसीर अपनी टीम के साथ मचान पर थे। शाम करीब 7:30 बजे बाघ पड़वे को खींच कर ले जा रहा था। पड़वे के चीखने की आवाज सुनकर टीम ने शोर मचाया तो बाघ पड़वे को छोड़कर भाग गया।