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Tiger In Lucknow: 21 दिनों से लखनऊ में घूम रहा टाइगर, वन विभाग की टीमें पकड़ने में नाकाम, ट्रैप कैमरे में हुआ कैद
Tiger In Lucknow: दिसंबर के शुरुआती सप्ताह में दो-तीन तारीख के करीब केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा के फार्म में करने वाले मजदूरों ने बाघ के पग चिन्ह देखे थे।
Tiger In Lucknow: राजधानी लखनऊ के कई गांवों के लिए बाघ बीते कई दिनों से दहशत का पर्याय बन चुका है। मलिहाबाद, माल और काकोरी के कई गाँव बीते करीब तीन सप्ताह से बाघ की आहट से दहशत में हैं। शुरुआती दिनों में बाघ की पुष्टि नहीं हुई वहीँ जबसे पुष्टि हुई है तबसे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। सबसे ज्यादा दशहत काकोरी ब्लॉक में है। यहां लोगों ने बाघ के हमले के डर से अँधेरा होने के बाद अपने घरों से निकलना भी छोड़ दिया है। वहीँ, वन विभाग के प्रयास भी बाघ को कैद करने में नाकाफी साबित हुए हैं। अब स्थानीय लोगों में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।
सबसे पहले रहमान खेड़ा में दाखिल हुआ था बाघ
बेहता नाले के पास लगातार मूवमेंट
ग्रामीण बताते हैं कि बेहता नाले के पास बाघ की मूवमेंट काफी ज्यादा है। सुबह और शाम नाले के आसपास बाघ के आने की बात भी ग्रामीण बताते हैं। माना जा रहा है कि बाघ पानी के लिए ही नाले की तरफ आता है। डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि बाघ को ट्रैप करने के लिए कई जगह मचान बनाए गए हैं। साथ ही ट्रैप कैमरे, थर्मल ड्रोन भी लगाए गए हैं। इसके अलावा वॉच टावर बनाकर भी बाघ को ट्रेस करने की कवायद जारी है। दावा है कि जल्द ही बाघ को ट्रैप किया जाएगा। बाघ को पकड़ने के लिए लखनऊ और कानपुर चिड़ियाघर से वेट्स की टीम को भी बुलाया गया है। इसके दुधवा के एक्सपर्ट्स को भी लगाया गया है। इसके बावजूद वन विभाग के दावे सिर्फ हवा हवाई साबित हो रहे हैं। करीब तीन सप्ताह से बाघ लगातार रिहायशी इलाकों के आसपास से अपनी लोकेशन बदल रहा है लेकिन टीमें बाघ को ट्रैप नहीं कर पा रही हैं।