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Lucknow News: नवयुग कन्या महाविद्यालय में दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सेमिनार का हुआ समापन
Lucknow News: नवयुग कन्या महाविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन हुआ। भारतीय ज्ञान परंपरा एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषयक सेमिनार में कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
Lucknow News: नवयुग कन्या महाविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन हुआ। भारतीय ज्ञान परंपरा एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषयक सेमिनार में कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। बिहार की जेपी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हरिकेश सिंह मुख्य अतिथि रहे।
भारतीय ज्ञान परंपरा के पांच स्रोत
लखनऊ के राजेंद्र नगर क्षेत्र स्थित नवयुग कन्या महाविद्यालय में गुरुवार को दो दिवसीय सेमिनार का समापन समारोह आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि ने कहा कि ज्ञान परंपरा का उदय सृष्टि के प्रारंभ में मनु सतरूपा से हुआ। इसमें मुख्य रूप से श्रुति और स्मृति थी। गंगोत्री, गंगा, गाय, गीता और ग्राम ज्ञान परंपरा के पांच स्रोत थे। कार्यक्रम में एलयू अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. मनोज कुमार अग्रवाल मुख्य वक्ता रहे।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी सभ्यता विकास तेज गति से होता है। जिससे प्राकृतिक संसाधन, जंगल, पर्यावरण जैसे संसाधनों का नुकसान होता है। उनका मानना है कि धनी होने से सब ठीक हो जाएगा। जो कि मानवता के लिए हानिकारक है। मुख्य वक्ता ने कहा कि तीन सौ वर्षों ज्यादा पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव नहीं हैं। इस बीच हमने अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीकों को खो दिया है।
चुनौती स्वीकार करने में असफल हिंदू सभ्यता
सेमिनार में चीफ स्टैंडिंग कौंसिल एडवोकेट प्रशांत सिंह अटल विशिष्ट अतिथि रहे। उन्होंने बताया कि भारत के पूरा विश्व परिवार है। जबकि पश्चिम के लिए विश्व बाजार है। हमारी संस्कृति का मूल वसुधैव कुटुम्बकम् है। अंतराष्ट्रीय अतिथि वक्ता प्रो. शिव कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि बिना संकोच मैं कह रहा हूं कि हिंदू सभ्यता चुनौती स्वीकार करने में विफल रही।
बीबीएयू शिक्षा शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सुभाष मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की परंपरा पर आधारित शिक्षा की बात करती है। सुभाष कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर अनुराधा तिवारी ने कहा कि एक दूसरे से प्रेम ही भारतीय ज्ञान परंपरा का मूल है। एक सत्र में केकेवी समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जयशंकर पांडेय ने कहा कि भारतीय सनातन विद्या का उद्देश्य छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास करना है। इस मौके पर प्राचार्या प्रो. मंजुला उपाध्याय, सहायक आचार्य ऐश्वर्या सिंह, डॉ. विनीता सिंह, डॉ. अंजुला कुमारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।