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Lucknow University: एलयू में दो दिवसीय कार्यशाला शुरु, पद्मश्री ने कश्मीर को बताया विद्या का मुकुट मणि

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग और जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। एलयू के मालवीय सभागार में जम्मू कश्मीर और लद्दाख की समझः रुझान और प्रवृत्तियां विषय पर गुरुवार को दो दिवसीय कार्यशाला शुरु हई।

Abhishek Mishra
Published on: 8 Feb 2024 5:18 PM GMT
Two-day workshop organized by the Department of Political Science and Center for Jammu and Kashmir Studies of Lucknow University
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लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग और जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन: Photo- Newstrack

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग और जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। एलयू के मालवीय सभागार में जम्मू कश्मीर और लद्दाख की समझः रुझान और प्रवृत्तियां विषय पर गुरुवार को दो दिवसीय कार्यशाला शुरु हई। कार्यक्रम में एलयू के प्रति कुलपति प्रो. अरविंद अवस्थी मुख्य अतिथि और पद्मश्री प्रो. नवजीवन रस्तोगी विशिष्ठ अतिथि रहे।

विद्या का मुकुट मणि है कश्मीर

एलयू के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव के मुताबिक जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विभिन्न विषयों को समझना और शोध संबंधी समझ विकसित करना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है। राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. मनुका खन्ना ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने अभिनव गुप्त के दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कश्मीर को धरती पर स्वर्ग बताया। कार्यशाला में विशिष्ठ अतिथि रहे पद्मश्री नवजीवन रस्तोगी ने कहा कि भारत के सांस्कृतिक इतिहास का अधिकांश हिस्सा कश्मीर का है। कश्मीर भारत में विद्या का मुकुट मणि है। इस कार्यशाला के मुख्यवक्ता आशुतोष भटनागर रहे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भारत के जीवन-मूल्य गढ़े गये है। जम्मू कश्मीर का विषय भारत को जोड़ने वाला विषय है। जम्मू-कश्मीर से हमारा संबंध सिर्फ भौगोलिक ही नहीं है। बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक है।


अनुच्छेद 370 के बारे में बताया

कार्यशाला में कई औपचारिक सत्र भी आयोजित हुए। पहले सत्र में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के डा. मंयक शेखर ने जम्मू कश्मीर की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि एवं इतिहास पर व्याख्यान दिया। वहीं दूसरे सत्र में मुख्य वक्ता ने अपने विचार रखे। दिन के अंतिम सत्र में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डीके दुबे ने भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 को लाने और उसके निराकरण की न्यायिक प्रक्रिया के तथ्यों के बारे में बताया। सभी ने एलयू के गेट नंबर दो पर बने सेल्फी पॉइंट पर तस्वीर खिंचाई।


इस कार्यशाला की संयोजक प्रो. मनुका खन्ना, संगठन सचिव प्रो. राघवेन्द्र प्रताप सिंह और डा. शिखा चैहान रहे। डा. शिखा चैहान ने मंच का संचालन कियाकार्यक्रम में प्रो. कमल कुमार, प्रो. संजय गुप्ता, प्रो. कविराज, डॉ. अमित कुशवाहा, डॉ. राजीव सागर, डॉ. माधुरी साहू, डॉ. अनामिका, डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. तुंगनाथ मुहार समेत विभाग के समस्त शिक्षक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Shashi kant gautam

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