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Lucknow News: 2047 तक भारत को आदर्श राष्ट्र बनाना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना है
Lucknow News: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स सर्टिफिकेशन कोर्स का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना है।
Lucknow News: राजधानी के श्री राम ग्लोबल स्कूल में सोमवार को एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य शिक्षकों को नवीन शिक्षण पद्धतियों, नेतृत्व कौशल और शिक्षण में उत्प्रेरण के लिए तैयार करना था। यह कार्यक्रम नई शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप आयोजित किया गया। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स सर्टिफिकेशन कोर्स का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना है।
कार्यशाला में 50 घंटे के निरंतर व्यवसायिक विकास पर ध्यान
इस कार्यशाला में शिक्षकों और प्रधान अध्यापकों के लिए 50 घंटे के निरंतर व्यवसायिक विकास को प्राथमिकता दी गई। इसे सीबीएसई और आईएफएससी के सहयोग से आयोजित किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य 2047 तक भारत को आदर्श राष्ट्र बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस कोर्स को CBSE द्वारा नामांकित संसाधन व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किया गया है। और यह भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ कुछ अंतरराष्ट्रीय स्थानों पर भी आयोजित किया जाएगा। कोर्स का उद्देश्य 8-10 महीनों में 15 हजार प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करना है। और इसका मुख्य लक्ष्य प्रशिक्षकों को ऐसे कौशल और ज्ञान से लैस करना है, जो विद्यालयों में प्रभावी और सशक्त शैक्षिक वातावरण तैयार कर सकें।
प्रमुख वक्ताओं की उपस्थिति में कार्यशाला का उद्घाटन
कार्यशाला का उद्घाटन सुनील सिंह ने किया जिन्होंने शिक्षकों की परिवर्तनकारी भूमिका पर चर्चा की और उनके योगदान को सराहा। इस अवसर पर प्रमोद कुमार जायसवाल (उपनिदेशक, IITM), इज मित्तल (सीबीएसई वरिष्ठ राष्ट्रीय मास्टर ट्रेनर), डॉक्टर प्रेरणा चित्र (शिक्षाविद), और डॉक्टर जावेद आलम खान (प्रधान अध्यापक) सहित कई प्रमुख वक्ता उपस्थित थे।
डिजिटल उपकरणों और सहयोगात्मक शिक्षण पर विशेष सत्र
कार्यशाला के पहले दिन डिजिटल उपकरणों के उपयोग और इंटरएक्टिव शिक्षण पद्धतियों पर चर्चा की गई। शिक्षकों ने नैतिक रणनीतियों और सहयोगात्मक शिक्षण मॉडल पर भी विचार-विमर्श किया। प्रतिभागियों ने अपने सीखने की यात्रा को साझा किया और एक सकारात्मक और सहयोगपूर्ण वातावरण में उत्कृष्ट शिक्षा के लिए प्रेरित किया। वहीं यह कार्यशाला शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।