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Ayodhya Ram Mandir: राममय होंगे लखनऊ के सभी विश्वविद्यालय, सुंदरकांड और दीपोत्सव से कल मनेगा उत्सव
Ayodhya Ram Mandir: विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने एक पत्र जारी किया है। इस पत्र के मुताबिक विश्वविद्यालय के टैगोर गार्डन में कल दोपहर से ही भजन कीर्तन कार्यक्रम शुरू होंगे। 3 बजे से सुंदरकांड पाठ किया जाएगा।
Sunderkand Deepotsav program in universities of lucknow (photo: social media )
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर लखनऊ के सभी विश्वविद्यालयों ने तैयारी पूरी कर ली हैं। एलयू, भाषा विश्वविद्यालय, बीबीएयू व एकेटीयू समेत शहर के सभी विश्वविद्यालयों में रामोत्सव मनाया जाएगा।
एलयू में होगा सुंदरकांड का पाठ
लखनऊ विश्वविद्यालय में कल राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर भजन कीर्तन और दीपोत्सव जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने एक पत्र जारी किया है। इस पत्र के मुताबिक विश्वविद्यालय के टैगोर गार्डन में कल दोपहर से ही भजन कीर्तन कार्यक्रम शुरू होंगे। 3 बजे से सुंदरकांड पाठ किया जाएगा। इसी क्रम में सुंदरकांड के बाद शाम 5 बजे आरती और उसके बाद दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू होगा। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह की ओर से जारी पत्र के अनुसार सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों को कार्यक्रम में पारंपरिक वेशभूषा में उपस्थित रहने को कहा गया है।
भाषा विश्वविद्यालय में दीपोत्सव की तैयारी
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाने के लिए कल दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के परिसर में 22 जनवरी को अलग-अलग विभिन्न कार्यक्रम होंगे। इस कार्यक्रम में भजन कीर्तन और दीप प्रज्जवलन होगा। कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों से अनुरोध किया है कि वे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाने के लिए दीपोत्सव कार्यक्रम में बड़ी से बड़ी संख्या में शामिल हों।
कॉलेजों में भी मनाया गया उत्सव
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए शहर के कई कॉलेजों में राम उत्सव मनाया गया। मुख्य रुप से केकेसी और नवयुग कन्या महाविद्यालय में सुंदरकांड पाठ कर यह उत्सव मनाया गया।