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'डिजिटल युग ने बदल दिया संसदीय लोकतंत्र का स्वरूप', सिडनी कॉन्फ्रेंस में बोले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना

Lucknow News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में आयोजित 67वें कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि डिजिटल युग ने संसदीय लोकतंत्र का स्वरूप बदल दिया है।

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Newstrack Network
Published on: 7 Nov 2024 7:08 PM IST
डिजिटल युग ने बदल दिया संसदीय लोकतंत्र का स्वरूप, सिडनी कॉन्फ्रेंस में बोले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना
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Lucknow News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में आयोजित 67वें कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि डिजिटल युग ने संसदीय लोकतंत्र का स्वरूप बदल दिया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा दिया है और विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श के दायरे को व्यापक बनाया है, लेकिन इसके साथ ही लोकतांत्रिक संस्थाओं को डिजिटल दबाव और इसके दुरुपयोग को भी समझना होगा।

सम्मेलन में उन्होंने कहा कि संसद और विधायिका को इन प्लेटफॉर्म्स की असाधारण भूमिका को समझते हुए जन विश्वास बनाए रखने के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि फर्जी खबरों के प्रभाव से संसदीय प्रक्रिया को बचाने के लिए विधायिकाओं को सशक्त तंत्र विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लाइक और शेयर कभी भी वोटों का स्थान नहीं ले सकते। वोट वास्तविक होते हैं, जबकि डिजिटल सपोर्ट अक्सर वास्तविकता से परे हो सकता है। इसलिए, लोकतंत्र में असल मुद्दों और वोटिंग प्रक्रिया का महत्व हमेशा रहेगा।

सतीश महाना ने यह भी उल्लेख किया कि भारत की संसद ने पारदर्शिता और तकनीकी उन्नति के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई प्रयास किए हैं। उत्तर प्रदेश और अन्य भारतीय राज्यों ने एआई जैसी प्रौद्योगिकियों को अपनाकर नागरिकों की पहुंच को आसान बनाया है, ताकि वे विधायी प्रक्रियाओं में भाग ले सकें। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रगति के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं पर संसद को नजर रखनी होगी। लोकतांत्रिक सिद्धांतों की सुरक्षा और मीडिया के सिंथेटिक तत्वों के जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करना सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देश में, प्रदेश में, समाज में, यहां तक कि अपने परिवार में भी होती है। इसके विभिन्न आयाम होते हैं, पर इसकी भी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए। इस संवैधानिक अधिकार का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।


कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन (सीपीए) का वार्षिक सम्मेलन, जो 5 से 8 नवंबर तक सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में हो रहा है, में लोकतंत्र की मजबूती, सामाजिक सशक्तीकरण और लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त बनाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जा रही है। विभिन्न देशों और राज्यों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में, यह सम्मेलन लोकतंत्र की स्थिरता और मजबूती के लिए विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का यह वार्षिक सम्मेलन है। यह सम्मेलन प्रतिवर्ष अलग-अलग देशों में आयोजित किया जाता है।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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