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UP Budget Session 2025: यूपी विधानसभा की अनूठी पहल, अब सदन की कार्यवाही हिंदी, अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली और अंग्रेजी में भी होगी

UP Budget Session 2025 Update: उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह निर्णय विशेषकर प्रदेश के ग्रामीण अंचल के नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से और अधिक जोड़ने के उद्देश्य से लिया गया है।

Virat Sharma
Published on: 18 Feb 2025 2:49 PM IST
UP Budget Session 2025 Live Update
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UP Budget Session 2025 Live Update 

UP Budget Session 2025 Update: यूपी विधानसभा का बजट सत्र का आगाज मंगलवार को हो गया। एक और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सदस्यों से सत्र में सहयोग करने की अपील की तो वहीं मुख्य विपक्षी दल सपा ने विधान भवन में सरकार का विरोध किया। पर इस सबके बीच सदन में कुछ नया होने वाला है। उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा ने एक नई और अनूठी पहल शुरू की है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता और जुड़ाव को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के तहत, अब विधानसभा की कार्यवाही हिंदी के अलावा अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली और अंग्रेजी भाषाओं में भी सुनी जा सकेगी। यह देश की किसी भी विधानसभा में अपनी तरह का पहला प्रयोग है।

लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह निर्णय विशेषकर प्रदेश के ग्रामीण अंचल के नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से और अधिक जोड़ने के उद्देश्य से लिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल और विविधता से भरा राज्य है, जहां अलग-अलग क्षेत्रों की अपनी विशिष्ट बोलियां और भाषाएं हैं। इस कारण, यह आवश्यक था कि विधानसभा अपनी कार्यवाही को जनता तक अधिक सहजता से पहुंचाए।

क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना जरूरी: महाना

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है, लेकिन क्षेत्रीय भाषाओं को भी बढ़ावा देना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे जनप्रतिनिधियों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिलेगी और आम नागरिक भी अपनी भाषा में विधानसभा की कार्यवाही को समझ सकेंगे।

देशभर में अपनाए जाने लायक पहल: मुख्यमंत्री योगी का सहयोग

सतीश महाना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोग और मार्गदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के द्वारा उठाए गए कदम को अब पूरे देश की विधानसभाओं में अपनाया जा रहा है। यह पहल लोकतंत्र को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी, जिससे जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों के बीच संवाद और अधिक प्रभावी और सहज हो सकेगा।



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